DRDO चीफ ने बताया 1000 किलोमीटर तक अंतरिक्ष में निशाना लग सकती है ASAT मिसाइल
नई दिल्ली। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) की ओर से शनिवार को राजधानी दिल्ली में मीडिया को मिशन शक्ति के बारे में जानकारी दी गई। डीआरडीओ ने इस दौरान मिशन से जुड़ी कई अहम बातों के बारे में जानकारियां दी। इस मौके पर डीआरडीओ के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी समेत कुछ और वैज्ञानिक मौजूद थे। भारत ने 27 मार्च को एंटी-सैटेलाइट मिसाइल का टेस्ट किया था और यह टेस्ट पूरी तरह से कामयाब रहा था।
1000 किलोमीटर की क्षमता वाली मिसाइल
डीआरडीओ चेयरमैन डॉक्टर सतीश रेड्डी ने बताया कि एसैट को 1,000 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज को ध्यान में रखकर डेवलप किया गया है। लेकिन इसे 300 किलोमीटर तक के लिए ही टेस्ट किया गया ताकि अवशेष जल्द से जल्द नष्ट हो सकें। सतीश रेड्डी ने कहा इस मिसाइल ने एकदम सीधे जाकर सैटेलाइट को नष्ट किया और यह हिट-टू-किल मिसाइल होती है। सतीश रेड्डी ने बताया कि सैटेलाइट नष्ट होने के बाद जो अवशेष इकट्ठा हो गया है वह अगले 45 दिनों में नष्ट हो जाएगा। आपको बता दें कि पिछले दिनों अमेरिकी संस्था नासा ने कहा था कि भारत के इस परीक्षण के बाद अंतरिक्ष में सैटेलाइट का मलबा इकट्ठा हो गया है जिसके बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भी खतरा पैदा हो गया है।
ऐसे मिशन नहीं रह सकते हैं सीक्रेट
डीआरडीओ ने इस मौके पर मिशन शक्ति का वीडियो भी पेश किया। डॉक्टर रेड्डी के मुताबिक अंतरिक्ष में भी मिलिट्री का दबदबा हो गया है। भारत जैसे देश ने भी अब इस क्षेत्र ने क्षमताएं दिखा दी हैं और बता दिया है कि वह दुश्मन को जवाब देने में सक्षम है। डीआरडीओ चीफ ने कांग्रेस के नेता पी चिंदबरम की टिप्पणी का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति जैसे प्रोजेक्ट को सीक्रेट नहीं रखा जा सकता है। सैटेलाइट को दुनिया के हर स्पेस स्टेशन से ट्रैक किया जाता है। ऐसे में हर देश को इस बारे में बताना और इससे जुड़ी हर मंजूरी को लेना जरूरी था। यह भी पढ़ें-व्हाइट हाउस के निर्देशों के बाद इसरो के साथ फिर से काम करने को राजी हुआ नासा