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Couple ने अपने नवजात बेटे का नाम रखा Sonu Sood, एक्टर को भेजा जश्न का निमंत्रण

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A newborn baby boy was named as Sonusood in Khammam dist, Read Details Here: कोरोना काल में गरीबों के मसीहा बने फिल्म अभिनेता सोनू सूद ( Sonu Sood)ने हालांकि अपनी किताब 'आई एम नो मसीहा (I Am No Messiah)' के जरिए लोगों को बताने की कोशिश की वो कोई भगवान या देवदूत नहीं है, बल्कि एक आम इंसान हैं , उन्होंने जो कुछ किया वो इंसानियत के नाते किया लेकिन लोगों की नजर में तो वो भगवान की ओर से गरीबों की मदद करने वाले दूत ही हैं इसलिए तो लोग उनके मुरीद हो गए हैं।

घर में हुआ बेटा तो नाम रख दिया सोनू सूद

घर में हुआ बेटा तो नाम रख दिया सोनू सूद

आपको जानकर हैरत होगी कि खम्मम जिले के मुश्टिकुंटला गांव एक दंपति ने तो अपने न्यूबार्न बेटे का नाम ही सोनू सूद रख दिया, जिससे कि बड़ा होकर वो भी सोनू सूद की तरह अच्छा इंसान बने। बता दें कि नवीन और त्रिवेणी नाम के दंपति के यहां हाल ही में बेटा हुआ है, पूरा घर बच्चे के जन्म की खुशी मना रहा है, आज इनके घर पर बच्चे का अन्नप्राशन कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसका निमंत्रण रियल हीरो सोनू सूद को भी भेजा गया है। अब एक्टर जश्न में शामिल होते है या नहीं, ये तो पता नहीं लेकिन उनको भेजा गया निमंत्रण कार्ड जरूर सोशल पर वायरल हो रहा है।

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सोनू सूद के सम्मान में बना मंदिर

सोनू सूद के सम्मान में बना मंदिर

मालूम हो कि इससे पहले तेलंगाना के ही डुब्बा टांडा गांव के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर एक्टर के नाम पर मंदिर बनवाया था, जहां सोनू सूद की प्रतिमा लगवाई गई है, सभी ग्रामीणों का कहना था कि ऐसा करके उन्होंने अपने प्यार और सम्मान को एक्टर के प्रति व्यक्त किया है।

मुसीबत की घड़ी में जरूरतमंदों की मदद की सोनू सूद ने

इस बारे में बात करते हुए मंदिर समिति के सदस्य रमेश कुमार ने कहा था कि सोनू सूद ने मुसीबत की घड़ी में जरूरतमंद लोगों की मदद की है, ऐसा करने वाला तो केवल भगवान या उनकी ओर से भेजा कोई देवदूत ही हो सकता है और इसी वजह से हमने सोनू सूद का मंदिर बनवाया है।

प्रवासी गरीब-मजदूरों की मदद को आगे आए थे सोनू सूद

प्रवासी गरीब-मजदूरों की मदद को आगे आए थे सोनू सूद

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण जब सरकार की ओर से देश में लॉकडाउन हुआ था, ऐसे में लाखों की संख्या में मजदूरों ने घर की ओर प्रस्थान कर दिया था, वो भी पैदल, क्योंकि ट्रेनें चल नहीं रही थी और मजदूरों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया था। जिस पर सोनू सूद मुंबई में फंसे प्रवासी गरीब-मजदूरों की मदद को आगे आए थे इन्होंने सभी को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए बसों का इंतजाम किया था और सबके खाने-पीने की व्यवस्था की थी।

'ना कोई मसीहा और ना ही भगवान'

'ना कोई मसीहा और ना ही भगवान'

हालांकि एक्टर ने हमेशा कहा कि वो एक आम इंसान हैं, ना कोई मसीहा और ना ही भगवान लेकिन लोगों की नजर में वो भगवान की ओर से भेजे गए एक देवदूत हैं। इसी खास विषय पर हाल ही में सोनू सूद ने अपनी किताब भी लॉन्च की थी, जिसका नाम है 'आई एम नो मसीहा (I Am No Messiah)', सोनू ने इस किताब की जानकारी एक वीडियो के जरिए अपने ट्विटर पेज पर दी थी।

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English summary
couple in Khammam district, Pandagaraju, and Mangammma were blessed with a baby boy. They named the newborn baby boy as Sonu Sood.
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