फर्जी स्टांप पेपर मामले के आरोपी अब्दुल करीम को अदालत ने किया बरी
मुंबई। महाराष्ट्र के नासिक की एक कोर्ट ने स्टाम्प पेपर घोटाला मामले में आरोपी अब्दुल करीम तेलगी और अन्य लोगों को सोमवार को बरी कर दिया है। बता दें कि तेलगी का पिछले साल निधन हो गया था। तेलगी के खिलाफ आरोपों को मृत्योपरांत समाप्त कर दिया गया था। लेकिन आज इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए जहां तेलगी को बरी कर दिया तो वहीं इस मामले में आरोपी बनाए गए अन्य लोगों को भी आज बरी कर दिया गया।
फर्जी स्टांप घोटाला मामले में प्रमुख आरोपी अब्दुल करीम तेलगी सहित आठ अन्य को आरोपी बनाया गया था। सोमवार को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इस मामले की सुनवाई जिला न्यायधीश पी आर देशमुख कर रहे थे। बता दें कि इस केस में रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी और कर्मचारी भी आरोपी थे।
अब्दुल करीम तेलगी की पिछले साल अक्टूबर में बेंगलुरु के एक सरकारी अस्पताल में इंसेफेलाइटिस यानि दिमागी बुखार के चलते मौत हो गई थी। गौरतलब है कि उसे दिमागी बुखार के अलावा और भी कई तरह की बीमारियां थीं। मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और एडस जैसी गंभीर बीमारी ने भी उसे जकड़ रखा था।
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स्टांप पेपर घोटाले में अब्दुल करीम तेलगी को साल 2006 में 30 के कठिन कारावास की सजा सुनाई गई थी और 202 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया था। इसके अलावा इस घोटाले में शामिल अब्दुल करीम तेलगी के सभी साथियों को 6-6 साल की सजा सुनाई गई थी।
अब्दुल करीम का भाई अजीम तेलगी खानापुर निगम परिसद में एक अच्छे पद पर है और वह भी स्टाम्प घोटाले का सह आरोपी बनाया गया था। तेलगी कनार्टक में बेलगांव जिले के खानापुर गांव का रहने वाला था। अब्दुल करीम तेलगी शुरुआत में फल और सब्जी बेचता था। तेलगी की किस्मत तब बदली जब पैसा कमाने के लिए वो सात साल के लिए सऊदी अरब चला गया। वहां से आने के बाद अब्दुल करीम तेलगी नकली पासपोर्ट बनाकर लोगों को ठगने लगा। इसके बाद अब्दुल करीम तेलगी ने नकली स्टांप पेपर बनाने का काम भी शुरू कर दिया।
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