कोरोना से लड़ने के लिए 4 साल के बच्चे ने दान की सारी जमा-पूंजी, साइकिल खरीदने के लिए जोड़े थे
विजयवाड़ा । कोरोना वायरस का संक्रमण के मामलों में पिछले कुछ दिनों में हुई बढ़ोत्तरी के कारण अब तक संक्रमितों की कुल संख्या 5 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है और 149 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी हैं। कोरोना के खिलाफ देश ये जंग जीत जाएं इसके लिए हर कोई अपनी सामर्थ के अनुसार केन्द्र व राज्य सरकारों को धनराशि दान कर आर्थिक सहयोग दिया हैं। कोरोना के कारण हमारे देश पर कितनी विपत्ति आन पड़ी हैं इसको देश के नन्हें-मुन्ने बच्चें भी समझ रहे हैं, समय की जरुरत को समझ कर देश के बच्चे भी अपनी जमा-पूंजी इस मद में दान करने के लिए लगातार आगे आ रहे हैं।
4 वर्षीय बच्चे ने दान की अपनी जमापूंजी
हमारा देश कोरोना को परास्त कर ये जंग जल्द जीत जाएं, हर देशवासी के साथ मासूम बच्चे भी ये ही प्रार्थन कर रहे हैं। अब आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा जिले में 4 साल के बच्चे ने भी कमाल का जज्बा दिखाया है। विजयवाड़ा में इस 4 साल के एक बच्चे ने 971 रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिए । ये रुपये उसने अपनी नई साइकिल खरीदने के लिए जमा किए थे। विगत मंगलवार को चार वर्षीय हेमंत अपने मां और पिता के साथ ताडेपल्ली में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के कार्यालय जाकर सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री पेर्नी वेंकटरामैया को यह राशि दी।
सीएम को सौंपना चाहता था ये धनराशि
चार वर्षीय हेमंत मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी से मिलने के लिए बहुत उत्सुक था। उसने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वह मुख्यमंत्री की मदद करना चाहता है। मंत्री वेंकटरामैया ने हेमंत से वादा किया कि वह उसके द्वारा दान की गई राशि को खुद जाकर मुख्यमंत्री को सौंपेंगे।
मंत्री ने नई साइकिल दिलाने का किया वादा
महामारी के इस दौर में बच्चे ने जो मदद का जज्बा दिखाया है, उसकी सूचना मंत्री ने भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि बच्चे ने यह राशि नई साइकिल खरीदने के लिए जमा की थी। ऐसे में अब वह खुद इस बच्चे को नई साइकिल खरीदकर देंगे।
कोरोना से प्रदेश में हो चुकी है 4 की मौत
बता
दें
आंध्र
प्रदेश
में
अब
तक
कोरोना
संक्रमण
से
चार
लोगों
की
मौत
हो
चुकी
हैं।
चिकित्सा
एवं
स्वास्थ्य
विभाग
ने
मंगलवार
को
बुलेटिन
में
कहा
कि
राज्य
में
कुल
संक्रमित
लोगों
की
संख्या
314
तक
पहुंच
गई
है
और
संक्रमण
के
सक्रिय
मामले
294
है।
जानिए
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन
के
पीछे
क्यों
पड़े
हैं
ट्रंप,
अंतरराष्ट्रीय
दबाव
है
या
कोई
निजी
मकसद?