गुजरातियों ने कर दिखाया बड़ा काम, बेस्वाद कर दिया पाकिस्तानियों का खाना
गुजरात। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए गुजरात के व्यापारियों ने एक ऐसा फैसला किया है जिससे पिछले दो दिन से पाकिस्तानियों के सालन की स्वाद बिगड़ा हुआ है।
गुजरात के सब्जी व्यापारियों ने फैसला किया है कि वो पाकिस्तान के सब्जी का निर्यात नही करेंगे। इसमें खासतौर से टमाटर और मिर्च शामिल हैं। इन दो सब्जियों की लाहौर और कराची में बड़ी खपत है।
अहमदाबाद जनरल कमीशन एजेंट एसोसिएशन के महासचिव अहमद पटेल के मुताबिक गुजरात से हर रोज 50 ट्रकों में 10 टन सब्जियां बाघा बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान पहुंचती हैं। इनमें टमाटर और मिर्च की बड़ी मात्रा रहती है।
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अहमद के मुताबिक पिछले दो दिन से पाक को जाने वाली सब्जी को रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे 3 करोड़ का नुकसान व्यापारी हर रोज उठा रहे हैं लेकिन निजी हित बाद में है, पहले देशहित। माना जा रहा है कि व्यापारियों के इस फैसले से टमाटर और मिर्च पाकिस्तानियो की सब्जी से गायब हो जाएगी।
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19 साल बाद रोकी गई पाक को जाने वाली सब्जियां
अहमद ने बताया कि 1997 के बाद ये पहला मौका है जब गुजरात के व्यापारियों ने जरूरी सब्जियों की सप्लाई रोकी हो। उन्होंने कहा कि पाक को तब तक सब्जियां नहीं मिलेगीं, जब तक दोनों मुल्कों के हालात सुधर नहीं जाते। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश, कनाड़ा, दक्षिण अफ्रीका और खाड़ी देशों को हम सब्जियां भेजते रहेंगें।
अहमदाबाद जनरल कमीशन एजेंट एसोसिएशन किसानों और डीलरों के बीच एजेंट का काम करती है और ये सुनिश्चित करती है कि सब्जियां अपनी जगह पर पहुंचें। एसोसिशन के बगैर सब्जियों का बड़े स्तर पर कारोबार नहीं किया जा सकता।
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गुजरात के महसाना में बड़ी मात्रा में टमाटर की खेती करने वाले किसान भी अपनी फसल को पाकिस्तान नहीं भेजना चाहते। महसाना के कड़ी तालुका के गांव यशवंतपुरा के सरपंच दशरथ पटेल का कहना है कि किसान उन व्यापारियों को अपनी फसल बेच ही नहीं रहे जो पाकिस्तान के साथ व्यापार करते हैं।
महसाना में टमाटर के व्यापारी हरजीवन का कहना है कि किसान पाकिस्तान भेजने के लिए सब्जी किसी भी दाम पर बेचने को तैयार नहीं है, वो घाटा उठाने को तैयार हैं। ऐसे में व्यापारियों ने भी पाक को सब्जी ना भेजने का फैसला किया है।