दिल्ली में कोरोना से 984 या 2,098 मरीजों की मौत? MCD के नए आंकड़े से हड़कंप
नई दिल्ली- दिल्ली में कोरोना संक्रमण सरकार के हाथ से पहले ही बेकाबू हो चुका है। अब इसकी वजह से राजधानी में हुई मौतों का जो नया आंकड़ा सामने आया है, वह हालात की गंभीरता को और भयानक बना रहा है। दिल्ली नगर निगम ने कोरोना वायरस से हुई मौतों के मामले में कोविड-19 के मरीजों के अंतिम संस्कार के जो आंकड़े जारी किए हैं, उसमें दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंड़कों में दोगुने से भी बड़ा अंतर है। सवाल है कि दोनों ही वैद्यानिक संस्थाएं हैं और ऐसे में कोरोना मरीजों की मौत के आंकड़े में इतना बड़ा अंतर क्यों आ रहा है? जाहिर है कि यह सवाल उठेगा कि क्या कोरोना मरीजों की मौत को लेकर सरकार जनता से कुछ छिपा तो नहीं रही है?
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दिल्ली में कोरोना से 984 या 2,098 मरीजों की मौत?
गुरुवार को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में कोविड-19 के मरीजों की मौत के जो आंकड़े जारी किए हैं, उसमें कुल 984 मौत की बात बताई गई है। इनमें 79 मौत बीते 24 घंटों के अंदर हुई हैं। लेकिन, दिल्ली के तीनों नगर निगमों ने जो अंतिम संस्कारों के रिकॉर्ड के हिसाब से आंकड़े जुटाकर जारी किए हैं, उनमें कोरोना मरीजों की मौतों की संख्या दिल्ली सरकार के आधिकारिक आंकड़ों से कहीं ज्यादा यानि 2,098 बताई गई है। यह कोई मामूली अंतर नहीं है। यह जानकारी उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्टैंडिंग कमिटी की चेयरपर्सन ने गुरुवार को दी है। इतने बड़े अंतर होने की वजह से आंकड़ों में थोड़ा-बहुत गलती होने की भी आशंका नहीं कही जा सकती। यानि यह कोरोना संकट के दौरान बहुत गंभीर हालात की ओर इशारा कर रहा है।
तीनों एमसीडी से जारी हुए आंकड़े
अगर दिल्ली में नोवल कोरोना वायरस से हुई कुल 2,098 मौतों के आंकड़ों को एमसीडी के अलग-अलग डिविजनों के आधार पर देखें तो दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (SDMC) में 1,080 , उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC- North) में 976 और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EDMC) में 42 लोगों का अंतिम सस्कार किया गया है। जाहिर है कि ये आंकड़े नगर निगम ने श्मशान स्थलों और कब्रिस्तानों से जुटाकर दिए होंगे। उनके लिए कोरोना मरीजों की शवों की पहचान में भी इसलिए गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं है, क्योंकि उनके अंतिम संस्कार के लिए भी एक निर्धारित प्रोटोकॉल है और उसी के मुताबिक उनका क्रियाकर्म किया जाता है। इस संबंध में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्टैंडिंग कमिटी के चेयरपर्सन जय प्रकाश ने बयान जारी कर बताया है। जाहिर है कि दिल्ली नगर निगम से इन आंकड़ों के जारी होने के बाद दिल्ली की सियासत में फिर विवाद बढ़ सकता है। क्योंकि, एमसीडी पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है और दिल्ली की सत्ता केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के हाथों में है।
कोरोना की वजह से किस ओर बढ़ रही है दिल्ली ?
बता दें कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पहले ही राजधानी में कोरोना संक्रमण के बेकाबू हालात और अस्पतालों में बेड की उपलब्धता को लेकर विवादों में है। सरकार दावा करती है कि अस्पतालों में बेड खाली हैं, लेकिन कई मरीजों ने बेड के अभाव में दम तोड़ दिया है। यही नहीं जानकारी ये भी मिल रही है कि लोग इलाज के लिए पहले निजी अस्पतालों की ओर रुख करना चाहते हैं और दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सिर्फ एलएनजेपी में ही ज्यादा मरीज हैं। गौरतलब है कि दिल्ली में गुरुवार तक कोरोना संक्रमण के मामले 32,810 तक पहुंच चुके हैं, जिनमें से 19,581 केस ऐक्टिव हैं और 12,245 लोग इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं।
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