9 PM for 9 mins: आलिया ने जलाई मोमबत्ती, Kiss वाला किस्सा सुनाकर लोगों को बताया रोशनी का मतलब
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की अपील पर पूरे देश में लोगों ने 5 मार्च की रात 9 बजे अपने घरों की लाइट को बंद करके 9 मिनट के लिए दीए, मोमबत्ती, टार्च जलाकर रोशनी की, प्रधानमंत्री आवास में खुद पीएम मोदी ने भी दीपक जलाए, कोरोना के खिलाफ जंग में पूरा भारत एक साथ नजर आया, आम से लेकर खास लोगों ने अपने घरों में दीए जलाकर देश को कोरोना से बचाने का संकल्प लिया, इसी क्रम मे बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा आलिया भट्ट ने भी अपने घर में मोमबत्ती जलाईं।
आलिया ने जलाई मोमबत्ती
उन्होंने फोटो शेयर करते हुए अपने बचपन की एक प्यारी कहानी भी सुनाई, आलिया ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'जब मैं छोटी थी तो मैं अपने पापा के माथे पर स्कूल जाने से पहले 'किस' करती थी और हर 'किस' के बाद पापा कहते थे, 'आह लाइट आ गई.' मैं शायद उस बात को नहीं समझी थी लेकिन उनके जवाब से मुझे ये जरूर समझ आया कि रोशनी की गहराई हमारे जीवन में जितनी दिखती है, उससे ज्यादा होती है।'
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आलिया ने सुनाया 'किस' वाला किस्सा
आपको बता दें कि दीये या मोमबत्ती जलाना भारत में धर्म से जुड़ा है, इन दोनों को लेकर तो देश में दिवाली भी मनायी जाती है, जहां हिंदू धर्म में दीया जलाया जाता है तो वहीं ईसाई और मुस्लिम लोग मोमबत्ती का प्रयोग करते हैं, दीया या मोमबत्ती जलाना आदर का भी प्रतीक है।
'मोमबत्ती का लौ आत्मा को शांति प्रदान करता है'
कई वैज्ञानिकों ने रिसर्च में साबित किया है कि दीया जलाने से स्वास्थ संबंधी फायदा होता है, दीया ये मोमबत्ती का लौ आत्मा को शांति प्रदान करता है, ये भी मानना है कि दीया जलाने से नकारत्मकता कम होती है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है, प्राकृतिक तेल का दिया मोमबत्ती जलाने से प्रदूषण भी कम होता है।
देश में कोरोना वायरस से कुल 79 मौतें...
गौरतलब है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से दुनिया के करोड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। दुनियाभर में वायरस के कारण 64 हजाार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं संक्रमित लोगों की संख्या 12 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है। भारत में अब तक संक्रमण के कुल 3374 मामले सामने आए हैं और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 472 नए संक्रमित मामलों की पुष्टी हुई है। देश में कोरोना वायरस से कुल 79 मौतें हुई हैं तो वहीं, 267 मरीज पूरी तरह ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं ।