9 बजे 9 मिनट: जानिए, 5 अप्रैल के इवेंट में पावर डिमांड में गिरावट के पीछे क्या थी असली वजह?
बेंगलुरू। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच देश में एकजुटता दिखाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से 5 अप्रैल रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घर की लाइट्स बंदकर बॉलकनी में आकर दीया, सर्चलाइट और मोबाइल फ्लैशलाइट जलाने का आह्वान किया था। प्रधानमंत्री का उद्देश्य लॉकडाउन के बीच घरों में बंद लोगों की निराशा को दूर भगाने के साथ महामारी के खिलाफ लड़ाई को और मजबूती प्रदान करना था।
हालांकि प्रधानमंत्री के इस फैसले पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत उनके राजनीतिक विरोधियों ने उक्त मुहिम की यह कहकर आलोचना की थी कि इससे देश का ग्रिड प्रणाली बेकार हो सकती है और पूरा देश अंधकार में डूब सकता है। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ, क्योंकि घरों के सिर्फ लाइट्स बुझाने से महज 29 मेगावट पॉवर डिमांड में गिरावट दर्ज आई।
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सस्टेनबल डेवलपमेंट प्रोद्योगिकी में शोधकर्ता राहुल तोंगिया ने रविवार को एक के बाद एक किए कुल 9 ट्विवीट में बताया कि 5 अप्रैल, रात 9 बजे 9 मिनट पूरे देश में लाइट्स बंद होने से संभावित ग्रिड फेल होने का खतरा नहीं आया। उनके मुताबिक बीती रात 9 बजे से पहले ही पॉवर डिमांड में गिरावट दर्ज होने शुरू हो गई थी और रात 9 बजे से 9 बजकर 6 मिनट तक डिमांड में गिरावट जारी रही।
उनके मुताबिक रातर 9 बजकर 15 मिनट के बाद डिमांड में एकाएक तेजी भी नहीं दर्ज की गई, क्योंकि लोगों ने अपने घरों की बंद लाइट्स और उपकरणों को संभवतः एक साथ ऑन नहीं किए। हालांकि 9 बजकर 15 मिनट के बाद पॉवर डिमांड में धीरे-धीरे वृद्धि दर्ज हुई और 10 बजकर 30 तक पॉवर डिमांड 5 अप्रैल के शिखर पर पहुंच गई थी और उसके बाद पॉवर डिमांड सामान्य दिनों पॉवर डिमांड पर लौट आई।
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गौर करने वाली बात यह थी कि पॉवर डिमांड में गिरावट 9 बजे से 9 बजकर 9 मिनट के अंतराल पर सबसे कम दर्ज की गई। पॉवर डिमांड में असली गिरावट इवेंट से 15 मिनट पहले यानी रात 8.45 पर दर्ज की गई।
ब्रूंकिंग इंडिया के पूर्व अध्येता डा. राहुल तोंगिया के मुताबिक पॉवर डिमांड में दर्ज गिरावट की वजह बंद की गई लाइट्स बिल्कुल नहीं थे, बल्कि पॉवर डिमांड में गिरावट की असली वजह लोगों द्वारा इस दौरान अपने इलेक्ट्रानिक उपकरण बंद किया जाना था, जिन्हें सुरक्षा कारणों से लोगों ने बंद कर दिया था। मसलन, लाइट्स के साथ-साथ लोगों ने उक्त अंतराल में अपने टीवी, फ्रिज, एसी जैसे डिवाइस भी बंद कर दिए थे।, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि कथित ग्रिड फेल होने से उनके उपकरण खराब हो सकते थे।
(1/n) #9pm9minutes PRELMINARY Analysishttps://t.co/wt64PzL8OI timestamps are limited!
— Rahul Tongia (@DrTongia) April 5, 2020
Key points:
1)Total demand fall DUE TO EVENT was ?~29 GW.
2)Demand fall started before 9 pm
3)Most balancing was done by hydro [BIG TIME]
4)Grid rise (aka “recovery”) finished ~10:30 pm pic.twitter.com/JEOmXqSU3u
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कारनेग मेलन यूनिवर्सिटी में प्रोफसर राहुल तोंगिया ने अपने ट्ववीट में यह भी बताया कि 5 अप्रैल को रात 8 बजकर 45 मिनट पर ही पॉवर डिमांड में गिरावट दर्ज होनी शुरू गई थी। उनके मुताबिक सामान्य दिनों में शाम 7:30 के बाद पॉवर डिमांड में 3.5 से 5-5 मेगावाट गिरावट दर्ज होती है, लेकिन इवेंट वाले दिन रात 8:45 के बाद दर्ज हुई गिरावट सामान्य दिनों की तुलना अधिक थी।
बकौल डा राहुल तोंगिया, पॉवर डिमांड में गिरावट की गणना बेहद दुष्कर काम है, क्योंकि सामान्यतया उनके पास 3 से 6 मिनट का स्टैंम्प समय होते हैं। उनके मुताबिक 3 मिनट में रिकॉर्ड 16. 658 मेगावाट पॉवर डिमांड में गिरावट संकेत करता है (कुछ समय त्रुटि संभावनाओं के साथ) कि इवेंट के दौरान पॉवर डिमांड में संभवतः प्रति मिनट में 5.55 मेगावट गिरावट प्रभावशाली रहा होगा।
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उनके मुताबिक रात 9:06 बजे के बाद पॉवर डिमांड में वास्तविक रूप से गिरावट शुरू हुआ, जिसमें शुद्ध भागीदारी लाइट्स की थी। हालांकि सही आंकड़े के लिए PosocoIndia के पूर्ण विश्लेषण की प्रतीक्षा करना होगा। वहीं, पॉवर ग्रिड में पॉवर डिमांड की वापसी 9:15 तक भी तेज नहीं थी और डिमांड में वृद्धि धीरे-धीरे चरम तक पहुंची और 10:30 पर डिमांड चोटी पर पहुंच गई थी।
उन्होंने बताया कि पॉवर डिमांड (लोड) के सबसे आक्रामक समय के लिए HYDRO ने दोनों दिशाओं में ग्रिड का समर्थन प्रदान किया था। ऐसी अटकलें लगाई गईं कि इवेंट वाली रात लोगों द्वारा समय से पहले लाइट्स और उपरकरण बंद कर दिए और फिर लाइट्स को वापस चालू करने में भी देरी की गई। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर पॉवर मैनेजमेंट में ग्रिड प्रदर्शन शानदार रहा। यह न केवल नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (PosocoIndia) के लिए अच्छा रहा बल्कि राज्य एलडीसी (Load duration curve) के साथ भी अच्छा रहा।
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