क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

91 Air Force Day: नभः स्पृशं दीप्तम्, जानिए भगवद्गीता के साथ वायुसेना का खास रिश्‍ता

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) अपना 91वां वायुसेना दिवस मना रही है। आईएएफ आज दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना है। कभी सिर्फ पांच लोगों के साथ शुरू हुआ वायुसेना का सफर आज लाखों ऑफिसर और जवानों तक जा पहुंचा है। आईएएफ आज चीन जैसे दुश्‍मन देशों के भी छक्‍के छुड़ाने में सक्षम है। वायुसेना जब से अस्तित्‍व में आई है तब से लेकर आज तक अपने ध्येय वाक्‍य 'नभः स्पृशं दीप्तम्' को सच करती आ रही है। क्‍या आप जानते हैं कि यह ध्‍येय वाक्‍य भगवद्गीता से लिया गया है। जानिए इसकी कहानी और इसका मतलब

Recommended Video

Indian Air Force Day 2020: भारतीय वायुसेना के इतिहास और गौरवगाथा को जानिए | वनइंडिया हिंदी
indian-airforce-delhi

यह भी पढ़ें-India vs China: किसकी सेनाएं कितनी ताकतवरयह भी पढ़ें-India vs China: किसकी सेनाएं कितनी ताकतवर

वायुसेना का ध्‍येय वाक्‍य और इसका मतलब

इंडियन एयर फोर्स का ध्‍येय वाक्‍य है, 'नभ: स्‍पृशं दीप्‍तम, यानी गर्व के साथ आकाश को छूना। नीला, आसमानी नीला और सफेद इसके रंग हैं। भारतीय वायुसेना का यह ध्‍येय वाक्‍य गीता के 11वें अध्‍याय से लिया गया है। कहते हैं कि जब महाभारत के युद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र की युद्धभूमि में भगवान श्री कृष्‍ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिए थे, यह आदर्श वाक्‍य उसका एक अहम हिस्‍सा था। युद्ध से पहले जब भगवान श्री कृष्‍ण, अर्जुन को अपना विराट रूप दिखाते हैं और तो उसे देखकर अर्जुन कुछ समय के लिए परेशान हो जाते हैं। उनका वह रूप एक पल को अर्जुन के मन में भय पैदा कर देता है। जो आदर्श वाक्‍य आईएएफ ने अपनाया है वह इस श्‍लोक का हिस्‍सा है, 'नभ:स्‍पृशं दीप्‍तमनेकवर्ण व्‍यात्ताननं दीप्‍तविशालनेत्रम्, दृष्‍ट्वा हि त्‍वां प्रव्‍यथ‍ितान्‍तरात्‍मा धृतिं न विन्‍दामि शमं च विष्‍णो।' इसका अर्थ है, 'हे विष्‍णु, आकाश को स्पर्श करने वाले, देदीप्यमान, अनेक वर्णों से युक्त एवं फैलाए हुए मुख और प्रकाशमान विशाल नेत्रों से युक्त आपको देखकर भयभीत अन्तःकरण वाला मैं धीरज और शांति नहीं पाता हूं।'

8 अक्‍टूबर 1932 को स्‍थापना

भारतीय वायुसेना की स्‍थापना आठ अक्‍टूबर 1932 को हुई थी। उस समय आईएएफ ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स के सहायक के तौर पर तैयार हुई थी। इंडियन एयर फोर्स एक्‍ट 1932 के तहत इसे रॉयल एयर फोर्स के साथ जोड़ा गया था। यहां से रॉयल एयर फोर्स की यूनिफॉर्म और बाकी चीजों को अपनाया।वर्ष 1932 में अस्तित्‍व में आने के बाद एक अप्रैल 1933 को आईएएफ की पहली स्‍क्‍वाड्रन नंबर वन तैयार हुई। साल 1945 में आईएएफ के आगे रॉयल शब्‍द को जोड़ा गया। भारत तब अंग्रेजों का गुलाम था और उनके नेतृत्‍व में ही द्वितीय विश्‍व युद्ध में इसकी हिस्‍सेदारी तय हुई थी। वर्ष 1950 में इसके आगे से रॉयल शब्द को हटा लिया गया। यहां से रॉयल एयरफोर्स, भारतीय वायुसेना अस्तित्‍व में आई और इसे पहचान मिली। चीफ एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी इंडियन एयर फोर्स के पहले भारतीय चीफ थे। सन 65 में जब भारत और पाक के बीच युद्ध हुआ तो उस समय पाकिस्‍तान के पास अमेरिका से बेहतर फाइटर जेट्स थे लेकिन इन सबके बावजूद वायुसेना के सामने पाक टिक नहीं सका।

Comments
English summary
88th Air Force Day: What is the motto of Indian Air Force what does it mean.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X