बिहार के 85% ब्लॉक कोरोना वायरस से मुक्त, 534 में केवल 76 प्रभावित
नई दिल्ली- प्रवासी मजदूरों को लेकर देशभर से ट्रेनें बिहार पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है। अब तक 20 ट्रेन बिहार के लोगों को देश के अलग-अलग इलाकों से लेकर अपने गृहराज्य पहुंच चुकी हैं और आने वाले दो हफ्तों में 40 और रेल गाड़ियों की पहुंचने की उम्मीद है। अब इतने लोगों को प्रभावी क्वारंटीन में रखने की राज्य सरकार की जिम्मेदारी तो बढ़ ही चुकी है, साथ ही साथ प्रदेश में यह चिंता भी बढ़ती जा रही है कि कोरोना वायरस का प्रकोप अब ज्यादा न फैले इसके लिए सभी तरह के इंतजाम होने चाहिए। लेकिन, राज्य की नीतीश सरकार फिलहाल तो इस बात से खुश हो रही है कि वह अब तक राज्य में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने में सफल रही है। उसका दावा है कि यह बीमारी अब तक राज्य के मात्र 15 फीसदी ब्लॉक को ही अपनी चपेट में ले पाई है, बाकी तो सुरक्षित है।
बिहार के 85% ब्लॉक कोरोना मुक्त
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दावा है कि उनका राज्य कोरोना वायरस के पॉजिटिव केसों को रोकने में पूरी तरह से कामयाब साबित हुआ है। उनका कहना है कि कोविड-19 के पॉजिटिव मामले राज्य के 32 जिलों के सिर्फ 76 ब्लॉक तक ही सीमित हैं। यानि राज्य के कुल 534 ब्लॉक में से सिर्फ 15 फीसदी को ही कोरोना अपनी चपेट में ले सका है, बाकी 85 फीसदी या 458 ब्लॉक पूरी तरह से कोरोना मुक्त हैं। राज्य के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने इंडिया टुडे से कहा है कि, 'यह सूचना का सिर्फ एक हिस्सा है, जिससे पता चलता है कि वायरस के खिलाफ शायद बिहार को पहले ही एक खास एडवांटेज प्राप्त हो चुका है।' उन्होंने बताया, 'और जब भी इसके बारे में फैसला लिया जाएगा इससे हमें बाहर निकलने की रणनीति बनाने में बहुत ही ज्यादा मदद मिलेगी। कोविड-19 को 15% से भी कम ब्लॉक तक सीमित करना बिहार के लिए बहुत बड़ी सफलता है, जो कि भारत का बहुत ही ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाला राज्य है। '
बिहार ने कोरोना वायरस का चेन ब्रेक कर दिया है!
बिहार सरकार के लिए इसे अपनी कामयाबी मानने के और भी कई कारण हैं। मसलन, यहां से देश के विभिन्न इलाकों खासकर औद्योगिक केंद्रों में जाने वालों की तादाद बहुत ही ज्यादा है, इनमें मध्य पूर्व के देशों में जाने वाले लोग भी शामिल हैं। नेपाल के साथ भी राज्य की एक लंबी सीमा है और यह उत्तर-पूर्व का भी गेटवे है। इसके बावजूद कोविड-19 के फैलाव का जो प्रशासकीय दायरा प्रदेश सरकार बता रही है, वह निश्चित ही काबिल-ए-तारीफ है। डिजास्टर मैनेमेंट के एक शीर्ष अधिकारी इस सफलता के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जताते हैं। उनके मुताबिक सीएम ने लॉकडाउन और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर खुद ही निगाह रखी है। उनके मुताबिक, 'बिहार के सिर्फ 76 ब्लॉक में कोरोना को रोक देने का मतलब है कि बिहार ने कोरोना के चेन को ब्रेक कर दिया है। विशेष कंटेंमेंट जोन में इसे फैलने से रोकने के लिए मुख्यमंत्री डीएम से निगरानी रखने के लिए बात करते रहते हैं।'
बिहार के 38 में से 32 जिलों तक पहुंचा है कोरोना
उन्होंने तो यहां तक दावा किया है कि 'लगता है कि मुख्यमंत्री ने बिहार के सभी गंभीर केसों को याद कर रखा है। इस तरह की नजदीकी निगरानी से जिलाधिकारी भी सचेत रहते हैं, जिससे पता चलता है कि बिहार में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग क्यों सफल हो रही है, जिससे चेन ब्रेक करने में मदद मिल रही है। हालांकि, बिहार में पिछले 24 घंटों में 7 नए केस भी सामने आए हैं, जिन्हें मिलाकर कुल 536 मामले हुए हैं। वैसे बिहार सरकार और उसके अधिकारी भले ही अपनी पीठ थपथपा रहे हों, लेकिन एक हकीकत ये भी है कि राज्य के कुल 38 में से 32 जिले कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से कई जिले तो ऐसे थे जहां शुरू से एक भी केस नहीं थे।