गलवान के 800 मीटर हिस्से पर चीन कर रहा था दावा, अब लगभग 2 KM तक हटा पीछे
नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर चल रहे तनाव के बीच एक बड़ी और अहम खबर सामने आ रही है। सेना के सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक चीनी सेना सीमा पर अब पीछे लौट रही है। उन्होंने अपने टेंट्स, वाहनों और सैनिकों को भी पीछे खींच लिया है। अबतक दोनों सैनिकों के बीच विवाद वाली जगह को लेकर कई तरह की बातें की जा रही थीं। अब वो स्पष्ट हो गया है कि किस जगह और कितनी जगह को लेकर चीनी सैनिक दावे कर रहे थे। अंग्रेजी वेबसाइट इंडिया टूडे की खबर के मुताबिक चीन ने भारतीय सीमा के अंदर 800 मीटर के इलाके पर अपना दावा किया हुआ था।
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वेबसाइट के मुताबिक चीन की तरफ से गलवान घाटी के 800 मीटर वाले इलाके पर पहली बार दावा इसी साल अप्रैल महीने में हुई बटालियन लेवल की मीटिंग में किया गया था। जिसके बाद भारत ने गलवान और श्योक नदी के संगम स्थल पर पुल बनाना शुरू कर दिया था। हालांकि 15 जून की हिंसक लड़ाई का संबंध हाल के किसी घटना से नहीं है। बल्कि इसकी पटकथा 61 साल पहले ही लिख दी गई थी और भारतीय फौज इस बात को लेकर पूरी तरह से जागरुक थी।
दरअसल 1959 में भारत और चीन के बीच पेट्रोल प्वाइंट 14 को लेकर एक आम सहमति बनी थी, जिसके बाद से कई सालों तक यहां पर दोनों सेनाओं के बीच कभी भी संघर्ष की स्थिति नहीं बनी। यानी कि अप्रैल 2020 में चीन ने भारत के जिस 800 मीटर हिस्से पर अपना दावा किया है, उसपर 61 साल पहले ही सहमति बन चुकी थी।
अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री के बीच बातचीत
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री के बीच बातचीत हुई थी। ये बातचीत 5 जुलाई को हुई थी और दो घंटे तक चली थी। बातचीत में सीमा पर तनाव कम करने पर चर्चा हुई। दोनों देश भविष्य में शांतिपूर्ण माहौल बनाने पर सहमत हुए हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर खत्म करने की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए।
इसके अलावा दोनों पक्षों को भारत-चीन सीमाओं पर चरणबद्ध तरीके से टकराव को कम करना चाहिए। दोनों देशों के प्रतिनिधि इस बात पर भी राजी हुए हैं कि दोनों पक्षों को भारत-चीन सीमा में शांति बनाए रखने वाले नेताओं की आम सहमति से मार्गदर्शन लेना चाहिए। बातचीत के दौरान दोनों पक्ष सख्ती से एलएसी का सम्मान करने पर भी राजी हुए हैं। इसके साथ ही भविष्य में सीमा पर शांति भंग करने या किसी भी घटना से बचने के लिए मिलकर काम करने पर भी सहमति बनी है।