83 पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने योगी आदित्यनाथ के नाम लिखा खुला पत्र, मांगा इस्तीफा
Recommended Video
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ प्रदेश के 83 रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों ने मुहिम छेड़ दी है। तमाम रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारियों ने योगी आदित्यनाथ के नाम खुला पत्र लिखकर उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहा है। दरअसल जिस तरह से प्रदेश में बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया उसके बाद इन तमाम रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों ने यह पत्र लिखा है। इस पत्र पर पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन, सुजाता सिंह, पूर्व एनएसए शिव शंकर मेनन सहित तमाम आईएएस, आईएफएस, आईपीएस अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं। पत्र के जरिए इन तमाम पूर्व अधिकारियों ने योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगते हुए कहा कि आदित्यनाथ खुलकर अपनी धार्मिक कट्टरता को दिखा रहे हैं।
संवैधानिक मूल्यों की अनदेखी
पत्र में कहा गया है कि बुलंदशहर में भीड़ जिस तरह से हिंसक हुई उसकी वजह से पुलिस अधिकारी की मौत हो गई, बावजूद इसके नफरत की राजनीति नहीं रुक रही है। प्रदेश में मौलिक सरकार चलाने की प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है, संवैधानिक मूल्यों और मानवीय मूल्यों का खयाल नहीं रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री प्रदेश में पुजारी के नफरत के एजेंडे की तरह काम कर रहे हैं। सरकार में गुंडाराज और ठगी का बोलबाला है। सुबोध कुमार की हत्या जानबूझकर की गई है, जिसके जरिए भीड़ की ताकत को दिखाने की कोशिश की गई है, जिसकी वजह से क्षेत्र के मुसलमानों में डर है।
पीएम पर भी साधा निशाना
पत्र में प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा गया है, इसमे कहा गया है कि हमारे प्रधानमंत्री जोकि चुनाव प्रचार में मुखर होकर बोलते हैं उन्होंने भी चुप्पी साध रखी है, इससे पहले कभी भी राजनीति के इतिहास में इस तरह की नफरत, बंटवारा और भेदभाव नहीं देखा गया। अल्पंख्यक समुदाय को कभी भी इस तरह से जानबूझकर निशाना नही बनाया गया, लोगों ने नफरत नहीं घोली गई। जो लोग सत्ता में हैं वह इस नफरत की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं, हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री अपने पद से इस्तीफा दे दें।
मौजूदा अधिकारियों को नसीहत
पूर्व अधिकारियों ने मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह सचिव सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी को याद दिलाते हुए कहा कि आप लोग निर्भीक होकर अपने कर्तव्य का पालन कीजिए और प्रदेश में कानून का राज स्थापित करिए। पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने कहा कि हम सभी लोग संविधान में आस्था रखते हैं, नफरत की राजनीति के चलते पुलिस अधिकारी को मौत के घाट उतार दिया गया। जो लोग देश के भविष्य को लेकर चिंतित हैं उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई है।
इसे भी पढ़ें- ठीक उसी जगह बनना चाहिए राम मंदिर, सुप्रीम कोर्ट चाहे तो 10 दिन में खत्म हो सकती है मामले की सुनवाई- अमित शाह