UP की वो 8 सीटें जहां कांग्रेस की वजह से हारा महागठबंधन, 1 पर शिवपाल ने हराया
नई दिल्ली- यूपी में जब सपा-बसपा (SP-BSP) और अजित सिंह (Ajit Singh) की आरएलडी (RLD) के बीच महागठबंधन (Mahagathbandhan) को लेकर बात हो रही थी, तब उसमें कांग्रेस के शामिल होने की भी चर्चा थी। लेकिन, निजी मंसूबों और मतभेदों के चलते कांग्रेस (Congress) उस गठबंधन का हिस्सा नहीं बन पाई। अलबत्ता, दोनों के बीच कई सीटों पर एक-दूसरे की मदद वाली स्ट्रैटजी सामने भी आई। कांग्रेस की पूर्वी यूपी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने बयान भी दे दिया कि उनकी पार्टी मोदी को हराने और महागठबंधन (Mahagathbandhan) की मदद के लिए कई सीटों पर 'वोट कटवा' के रोल में है। लेकिन, जब रिजल्ट आया तो पता चला कि घर के भेदिये ने ही सियासी लंका में आग लगाने का काम किया है।
'वोट कटवा' बनकर आई और गठबंधन को लुटाकर चली गई
अगर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से आए लोकसभा चुनाव नतीजों का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि 9 सीटों पर 'अपनों' की वजह से ही महागठबंधन के उम्मीदवारों को हार मिली है। इनमें से 8 सीटों पर कांग्रेस (Congress)के प्रत्याशी ने जितने वोट काटे हैं, उसके मुकाबले बीजेपी की जीत का मार्जिन कम है। यानी अगर यहां कांग्रेस के प्रत्याशी नहीं होते, तो गठबंधन की जीत पक्की थी। दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस ने कहा था कि वो बीजेपी (BJP) के लिए 'वोट कटवा' का काम कर रही है, लेकिन हकीकत में उसने महागठबंधन को ही नुकसान पहुंचा दिया।
इन 8 सीटों पर कांग्रेस के चलते हारा महागठबंधन
अगर आठों सीटों पर नजर डालें तो बदायूं (Badaun) में बीजेपी 18,454 वोटों से जीती और कांग्रेस को 51,947 वोट मिले। इसी तरह बांदा (Banda) में बीजेपी का उम्मीदवार 58,938 वोटों से जीता और कांग्रेस के खाते में 75,438 वोट चले गए। बाराबंकी (Barabanki) में बीजेपी 1,10,140 वोटों से जीती और कांग्रेस को 1,59,611 वोट प्राप्त हुए। बस्ती (Basti) में बीजेपी उम्मीदवार 31,573 वोटों से जीता और कांग्रेस के उम्मीदवार को 86,920 वोट मिले। धौरहरा (Dhaurahra) में बीजेपी 1,60,611 वोटों से जीती और कांग्रेस के उम्मीदवार को 1,62,856 वोट मिले। मेरठ (Meerut) में बीजेपी सिर्फ 4,729 वोटों से जीती और कांग्रेस के खाते में 34,479 वोट जाने के चलते महागठबंधन का उम्मीदवार हार गया। संत कबीर नगर (Sant Kabir Nagar) में तो यह अंतर और भी ज्यादा रहा। यहां बीजेपी का उम्मीदवार महज 34,373 वोटों से जीता और कांग्रेस ने उससे कहीं ज्यादा 1,28,506 वोट झटक लिए। इसी तरह सुल्तानपुर (Sultanpur) में बीजेपी उम्मीदवार की जीत का मार्जिन 14,526 वोटों का रहा, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार को 41,681 वोट मिल गए।
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चाचा ने ऐसे लिया बदला
समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनके सगे चाचा शिवपाल यादव (Shivpan Yadav) के बीच आपसी खुन्नस के चलते भी महागठबंधन को एक सीट गंवानी पड़ी है। यह सीट है फिरोजाबाद (Firozabad) की, जहां शिवपाल यादव (Shivpan Yadav) को 91,869 वोट मिले हैं। जबकि, बीजेपी के उम्मीदवार ने सिर्फ 28,781 वोटों के अंतर से ही अखिलेश के दूसरे चाचा और शिवपाल के भाई रामगोपाल यादव (Ramgopal Yadav) के बेटे पूर्व सांसद अक्षय यादव (Akshay Yadav) को हराया है।
यहां तीसरा पड़ा महागठबंधन पर भारी
यूपी की चंदौली (Chandauli) सीट पर भी बीजेपी प्रत्याशी की जीत का मार्जिन ज्यादा नहीं है। वहां पार्टी का उम्मीदवार सिर्फ 13,959 वोटों से जीता है। लेकिन, यहां महागठबंधन के लिए एक तीसरे दल ने स्पॉयलर (Spoiler) का काम किया है। यहां पर जन अधिकार पार्टी (Jan Adhikar Party) के उम्मीदवार ने 22,291 वोट लेकर महागठबंधन का खेल खराब कर दिया है।
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