India-China tension: आज लद्दाख के चुशुल में 7वें दौर की कोर कमांडर वार्ता, चीन के सामने रखी जाएगी यह शर्त
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच आज सांतवें दौर की कोर कमांडर वार्ता अब से कुछ देर बाद शुरू होगी। सुबह 9:30 बजे दोनों देशों के मिलिट्री कमांडर लद्दाख के चुशुल में मीटिंग करेंगे। अधिकारियों की मानें तो भारत की तरफ से चीन से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर अप्रैल 2020 वाली यथास्थिति को बहाल करने की मांग की जाएगी। भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में मई माह से आमने-सामने हैं। दोनों देशों के बीच 21 सितंबर को छठें दौर की कोर कमांडर वार्ता हुई थी।
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चीन ने कहा- 1959 वाली स्थिति पर कायम
सांतवें दौर की वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब पिछले दिनों चीन की तरफ से कहा गया है कि वह एलएसी पर सन् 1959 वाली स्थिति को मान्यता देता है। जबकि भारत की तरफ से उसे स्पष्ट किया जा चुका है कि इस एकपक्षीय फैसले को न तो कभी माना गया है और न ही कभी माना जाएगा। आज की वार्ता की अगुवाई लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करने वाले हैं। इसके बाद 14 अक्टूबर को वह अपना एक साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद 15 अक्टूबर को देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री कमांडर (आईएमए) की जिम्मेदारी संभालेंगे। ले. जनरल सिंह के साथ ले. जनरल पीजीके मेनन भी वार्ता में मौजूद रहेंगे जो कि जनरल सिंह के बाद 14 कोर के कमांडर बनने वाले हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी!
सूत्रों के हवाले से अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है कि इस बार की मीटिंग में चीन के विदेश मंत्रालय के अधिकारी और कम्युनिस्ट पार्टी के एक पॉलिटिकल कमिश्नर के भी शामिल होने की उम्मीदें हैं।छठें दौर की वार्ता के दौरान विदेश मंत्रालय के ज्वॉइन्ट सेक्रेटरी (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव ने भी हिस्सा लिया था। बताया जा रहा है कि इस बार भी वह मीटिंग में शामिल होंगे। चीन की तरफ से पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के मेजर जनरल ल्यू लिन जो साउथ शिनजियांग मिलिट्र रीजन के कमांडर हैं, वार्ता में शामिल हो रहे हैं। पिछली मीटिंग के बाद दोनों देशों की तरफ से एक साझा बयान जारी हुआ था। इस बयान में कहा गया था कि जल्द से जल्द उस अहम निष्कर्ष को लागू किया जाएगा जिस पर दोनों देशों के नेता पिछली कुछ मीटिंग्स में पहुंचे थे।