7th Pay Commission: सरकार की सिफारिशों से क्यों खफा हैं रेलवे कर्मचारी
नई दिल्ली। सातवें वेतन आयोग में रेलवे कर्मचारियों को परिवहन भत्तों पर केंद्र की सिफारिशों से एक कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग खुश नहीं है। नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन ने कहा है कि एनएफआईआर बोर्ड के नवंबर में लिखे पत्र के अनुसार इस मामले में रेलवे मंत्रालय द्वारा उठाए गए विचार से वो सहमत नहीं है। फेडरेशन चाहता है कि रेल मंत्रालय को एनएफआईआर के तथ्यों के आधार पर एक उचित मामला तैयार करना चाहिए, जैसा कि 28 अगस्त 2017 को लिखे उसके पत्र में बताया गया है।
भत्ता बढ़ाने का अनुरोध
पांचवे और छठे वेतन आयोग के बारे में बताते हुए फेडरेशन ने कहा है कि तब रेलवे कर्मचारियों को वेतन भत्ता के उच्च दर की अनुमति दी गई थी। फेडरेशन ने रेलवे मंत्रालय से अनुरोध किया है कि इस मामले को सुलझाने जाए और लेवल 1 और 2 के उन कर्मचारियों को यथास्थिति यानी 3600 / डीए पर परिवहन भत्ता देने के लिए अनुरोध किया जाए।
भत्ता बढ़ाने का अनुरोध
पांचवे और छठे वेतन आयोग के बारे में बताते हुए फेडरेशन ने कहा है कि तब रेलवे कर्मचारियों को वेतन भत्ता के उच्च दर की अनुमति दी गई थी। फेडरेशन ने रेलवे मंत्रालय से अनुरोध किया है कि इस मामले को सुलझाने जाए और लेवल 1 और 2 के उन कर्मचारियों को यथास्थिति यानी 3600 / डीए पर परिवहन भत्ता देने के लिए अनुरोध किया जाए।
केंद्र सरकार कर सकती है वार्षिक वेतन की समीक्षा
केंद्रीय कर्मचारियों के बेसिक न्यूनतम वेतन और फिटमेंट फैक्टर पर सरकार फिर से रिव्यू कर सकती है। हालांकि इस पर विचार विमर्श चल रहा है। केंद्र सरकार की ओर से इस पर कोई फैसला अभी तक नहीं लिया गया है।
7th Pay Commission: केंद्र सरकार कर सकती है वार्षिक वेतन की समीक्षा