7th Pay Commission: सैलरी बढ़ोतरी में न उम्मीद न गुंजाइश,केंद्रीय कर्मचारियों को मिली सिर्फ निराशा
नई
दिल्ली।
केंद्र
सरकार
ने
केंद्रीय
कर्मचारियों
को
मिलने
वाले
प्रतिनियुक्ति
भत्ता
(डीए)
को
बढ़ाकर
लगभग
दुगुना
कर
दिया
है,
लेकिन
केंद्रीय
कर्मचारी
सातवें
वेतन
आयोग
की
सिफारिशों
से
नाखुश
हैं।
अब
उन्हें
अपने
फेडरेशन
से
उम्मीद
है
कि
वो
उनकी
बातों
और
उनकी
मांगों
को
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र
मोदी
के
सामने
रखेंगे।
केंद्रीय
कर्मचारियों
ने
अब
अपनी
आस
पीएम
मोदी
से
लगा
रखी
है।
उन्हें
उम्मीद
है
कि
पीएम
उनकी
बातों
को
सुनेंगे।
सातवें
वेतन
आयोग
की
सिफारिशों
ने
नाखुश
कर्मचारी
जानते
हैं
कि
हड़ताल
या
विरोध
प्रदर्शन
ही
काफी
नहीं
है।
अब
फेडरेशन
को
सरकार
के
साथ
मोल-तोल
करना
होगा।
नेशनल
अनोमली
कमेटी
के
साथ
बैठक
से
पहले
फेडरेशन
सरकार
के
साथ
निगोशिएशन
करना
चाहती
है।
आपको बता दें कि 22 सदस्यों वाली यह कमेटी 15 दिसंबर को अपनी रिपोर्ट पेश कर सकती है। इसके बाद इस रिपोर्ट को यूनियन कैबिनेट के पास भेज दिया जाएगा। माना जा रहा है कि कमेटी न्यूनतम वेतन पर अपना फैसला बताएगी। फेडरेशन इस बैठक से पहले सरकार के सामने अपनी बातों को रखना चाहती है। अगर व्यय विभाग द्वारा लिखे पत्र को गौर से देखे तो न्यूनतम वेतन बढ़ोतरी की उम्मीद वहीं खत्म हो जाती है। लेकिन अभी भी कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री से उम्मीद लगा रखी है। उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री उनकी मांगों पर गौर करेंगे।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों और सैलरी बढ़ोतरी में हो रही देरी से कर्मचारियों में नाराजगी है। यहां सरकार ने कर्मचारियों को उम्मीद दी थी कि न्यूनतम वेतन 21000 रुपए की जाएगी। खुद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि न्यूनतम वेतन बढ़ोतरी पर गौर किया जाएअगा, वहीं एनएसी की सिफारिशों से केंद्रीय कर्मचारियों को धक्का लगा है। आपको बता दें कि केंद्रीय कर्मचारी संगठन सरकार से मिनिमिम बेसिक सैलरी 18000 रूपए महीने से बढ़ाकर 26000 और फिटमेंट फेक्टर 2.57 गुना की जगह 3.68 गुना करने की मांग कर रहे थे, केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मानते हुए न्यूनतम बेसिक सैलरी मुहैया कराएगी। सातवें वेतन आयोग के हिसाब से केंद्रीय कर्मचारियों को 18000 रुपए ही न्यूनतम सैलरी मिलनी चाहिए। हालांकि केंद्रीय कर्मचारियों के दिव्यांग बच्चों को मिलने वाले पढ़ाई भत्ते में सरकार ने इजाफा कर दिया है।