कश्मीर और सीमा पर तैनात जवानों को मिला अमेरिका का ये घातक हथियार, 72 हजार राइफल की हुई डिलीवरी
नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच पिछले दो महीनों से लद्दाख में एलएसी पर विवाद जारी है। इस बीच गलवान घाटी में हुई झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। जिसके बाद से दोनों देशों के बीच कई बार युद्ध जैसे हालात बने। इसके अलावा आए दिन पाकिस्तान और आतंकवादी भी कश्मीर घाटी में अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देते रहते हैं। जिसे देखते हुए भारतीय सेना ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। साथ ही जवानों के लिए हाईटेक हथियार खरीदे जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना को 72 हजार सिग 716 असाल्ट राइफल की डिलीवरी मिल चुकी है। जल्द ही 72 हजार और सिग राइफल का आर्डर दिया जाएगा।
पहली खेप पहुंची उत्तरी कमांड
भारतीय सेना के एक सूत्र ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि सीमा विवाद के बाद भारत सरकार ने जरूरी सामानों की खरीद की छूट सेना को दी थी। इसी के तहत सेना अमेरिका से 72 हजार और सिग 716 असाल्ट राइफल खरीदने जा रही है। इसमें 72 हजार राइफल का पहला बैच आ गया है, जिसे उत्तरी कमांड और अन्य जगहों पर भेज दिया गया है। अभी इसका इस्तेमाल आतंकवाद रोधी अभियान और सीमा पर तैनात जवानों द्वारा किया जाएगा।
भारत में बन रही AK-203 राइफल
सूत्रों के मुताबिक INSAS असॉल्ट राइफलों को बदलने का प्रयास भारतीय सेना लंबे वक्त से कर रही थी। इसी वजह से सिग 716 असाल्ट राइफल का आर्डर दिया गया था। भारत अमेरिका से 1.5 लाख राइफल खरीदेगा, जिसका इस्तेमाल कश्मीर और एलओसी पर तैनात जवान करेंगे। वहीं बाकी जवानों को AK-203 राइफल मुहैया करवाई जाएगी। ये राइफल अमेठी के आयुध कारखाने में बन रही है। जिसमें रूस का सहयोग है।
एयरफोर्स भी है तैयार
वहीं अमेरिकी एविएशन कंपनी बोइंग ने इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) को अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे और हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर चिनुक की तय संख्या की डिलीवरी कर दी है। कंपनी की तरफ से रिलीज जारी कर इस बात की जानकारी दी गई। अब आईएएफ के पास 22 अपाचे अटैक और 15 चिनुक हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर हैं। यह जानकारी ऐसे समय में आई है जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव जारी है। इसके अलावा रूस को सुखोई और मिग विमानों का आर्डर दिया गया है। इसके साथ ही उसकी जल्द डिलीवरी करने को कहा गया है।
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