राज्यसभा में दिया गया अब तक का सबसे लंबा विदाई भाषण, बने कई रिकॉर्ड
नई दिल्ली, 31 मार्च: राज्यसभा सेवानिवृत्त हो रहे अपने 72 सदस्यों को बृहस्पतिवार को विदाई दी गई। सभापति एम. वेंकैया नायडू तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मौके पर सदस्यों को विदाई दी। सभापति एम. वेंकैया नायडू ने भी कई सदस्यों का जिक्र करते हुए उनके कार्यों और उनकी उपस्थिति की सराहना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा के 72 सेवानिवृत्त सदस्यों की विदाई के मौके पर कहा कि हमारे राज्यसभा सदस्यों के पास बहुत अनुभव है।
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वहीं राज्य सभा में 6 घंटे 27 मिनट का विदाई भाषण हुआ, जोकि अब तक का सबसे लंबा रहा है, जिसमें 65 वक्ताओं ने सेवानिवृत्त सदस्यों के योगदान और उनके योगदान को याद किया। वक्ताओं में अध्यक्ष, प्रधानमंत्री, उप सभापति, एलओपी, 9 दलों के नेता, 11 अन्य सदस्य और 40 सेवानिवृत्त सदस्य शामिल हैं। पहली बार, छह मौजूदा सदस्यों ने राज्यसभा के सभी सदस्यों के लिए आज रात सभापति एम वेंकैया नायडू द्वारा आयोजित रात्रिभोज में सेवानिवृत्त सदस्यों के सम्मान में संगीत और वोकल प्रस्तुति करने का निमंत्रण दिया।
वहीं कोविड महामारी के चलते 2018 के बाद से रिटायर हो रहे सदस्यों के ग्रुप फोटो नहीं ली गई थी। जिसके बाद आज एक बार फिर रिटायर हुए सदस्यों की ग्रुप फोटो ली गई। यह पहली बार था कि, ग्रुप फोटो में इतनी बड़ी संख्या में रिटायर हुए सदस्य शामिल हुए।
राज्यसभा में गुरुवार को 72 सदस्यों को विदाई दी गई। उच्च सदन में 19 राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे इन सदस्यों का कार्यकाल मार्च से जुलाई के बीच पूरा होने जा रहा है। रिटायर हो रहे सदस्यों में कांग्रेस के ए के एंटनी, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, कपिल सिब्बल, भारतीय जनता पार्टी के सुरेश प्रभु, सुब्रमण्यम स्वामी, बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्रा, शिवसेना के संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल शामिल हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सुरेश प्रभु, एम. जे अकबर, जयराम रमेश, विवेक तन्खा, वी. विजयसाई रेड्डी का कार्यकाल जून में समाप्त होगा। जुलाई में सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों में पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी, पी. चिदंबरम, अंबिका सोनी, कपिल सिब्बल, सतीश चंद्र मिश्रा, संजय राउत, प्रफुल्ल पटेल और के. जे. अल्फोंस शामिल हैं। कुछ केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा नेताओं को फिर से नामित किया जाएगा वहीं कांग्रेस के कुछ सदस्यों को पुन: नामित किए जाने पर स्थिति स्पष्ट नहीं है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राज्यसभा एक स्थायी सदन है, कुछ सदस्य सेवानिवृत्त होंगे जबकि कुछ अन्य आएंगे, यह हमेशा के लिए चलेगा। हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम कुशलता से काम करें। मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा कि राजनीति में एक कहावत है कि उतार-चढ़ाव अक्सर आते रहते हैं लेकिन कभी भी मैदान नहीं छोड़ना चाहिए। लोगों के लिए काम करते समय हमें इसे ध्यान में रखना चाहिए।
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