कैंसर पीड़ित बुजुर्ग ने पेश की मिसाल, केरल के बाढ़ पीड़ितों को दी आर्थिक मदद
केरल में पिछले दिनों आई बाढ़ से प्रदेश को भारी नुकसान पहुंचा है। सदी की सबसे भयानक त्रासदी ने 300 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और लाखों लोगों को बेघर कर दिया। इस आपदा से निपटने के लिए सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर से लोग केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए और मिसाल पेश की।
नई दिल्ली। केरल में पिछले दिनों आई बाढ़ से प्रदेश को भारी नुकसान पहुंचा है। सदी की सबसे भयानक त्रासदी ने 300 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और लाखों लोगों को बेघर कर दिया। इस आपदा से निपटने के लिए सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर से लोग केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए और मिसाल पेश की। गुजरात के खिमजी प्रजापति ने भी मानवता की एक ऐसी ही मिसाल पेश की है। कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रहे खिमजी प्रजापति भीख मांगकर अपना गुजारा करते हैं। भीख से इकट्ठा किए हुए पैसे उन्होंने केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए दान में दिए हैं।
भीख में इकट्ठा किए पैसे दिए दान
गुजरात के मेहसाणा में भीख मांगकर गुजारा करने वाले 71 वर्षीय खिमजी प्रजापति ने अपनी पूरी जमा पूंजी केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए दान में दे दी। उन्होंने भीख मांगकर इकट्ठा किए गए 5,000 रुपये चीफ मिनिस्टर डिस्ट्रेस रिलीफ फंड में जान दिए। टाइम्स ऑफ इंडिया से प्रजापति ने कहा, 'मैं केरल में आई बाढ़ की खबर सुनकर काफी दुखी था। जरूरतमंदों की मदद कर जो खुशी मिलती है, वैसी खुशी किसी और चीज से नहीं मिलती।' प्रजापति खुश हैं कि केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए गुजरात सरकार ने 10 करोड़ रुपये दान में दिए हैं।
94 रुपए के सिक्के लेकर केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद को पहुंचा बुजुर्ग भिखारी
कलेक्टर को दिया पांच हजार रुपये कैश
प्रजापति खुद कैंसर से जूझ रहे हैं, लेकिन इन पैसों से उन्होंने अपना इलाज कराने की बजाय पीड़ितों की मदद के लिए दान दे दिया। मेहसाणा के कलेक्टर हर्षद वोहरा ने कहा कि कैंसर से पीड़ित भिखारी द्वारा इस तरह का काम समाज के प्रति निःस्वार्थ प्रेम, बलिदान और भक्ति का एक अनूठा उदाहरण है। ये कोई पहली बार नहीं है जब प्रजापति ने पीड़ितों की मदद की हो। इससे पहले वो लड़कियों को पढ़ाई के लिए सोने की बालियां दान में दे चुके हैं। वो बच्चों को शिक्षा के लिए अक्सर दान देते रहते हैं, ताकि वो किताबें-कॉपी खरीद सकें।
पहले भी करते आए हैं जरूरतमंदों की मदद
समाज के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए रॉटरी क्लब ऑफ इंडिया ने उन्हें 'लिट्रेसी हीरो अवॉर्ड' से सम्मानित किया था। प्रजापति को तीन महीने पहले कैंसर का पता चला था। तब से वो राजकोट के एक प्राइवेट डॉक्टर से इलाज करा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने आयुर्वेद अस्पताल में इलाज कराना शुरू कराया है। उनके इलाज के लिए 70,000 रुपये एक कॉर्पोरेट ने दिए थे और 30,000 रुपये की मदद एक परिवार ने की थी।
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