संसद के बाहर खड़ी होकर 7 साल की लिसिप्रिया इस कानून को पास कराने के लिए पीएम मोदी से लगा रही है गुहार
नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग एक दूसरे के पर्याय हैं। ये दोनों पूरी पृथ्वी को एक साथ नुकसान पहुंचा रहे हैं। भारत में भी इसका बहुत ज्यादा असर दिख रहा है। हमारे देश में वायु प्रदूषण, पानी की कमी और सूखें जैसी स्थितियां खतरनाक रूप से बढ़ रही है। इसे लेकर कई संस्थाएं चेतावनी भी दे रही है। जलवायु परिवर्तन के संबंध में संसद का ध्यान खीचने के लिए एक सात साल की बच्ची लिसिप्रिया कनगुजम शुक्रवार को संसद के बाहर खड़ी थी।
सात साल की बच्ची की पीएम मोदी से गुहार
सात साल की बच्ची ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जलवायु परिवर्तन पर कानून बनाने के लिए गुहार लगाई है। उन्होंने पीएम मोदी से जलवायु परिवर्तिन पर कानून बनाकर भविष्य बचाने की अपील की है। उन्होंने मीडिया से कहा कि मैं देश के पीएम और सभी सांसदों से अपील करना चाहती हूं कि वो जलवायु परिवर्तन पर गंभीरता से विचार करे और हमारे भविष्य को बचाए। समुद्र का स्तर बढ़ रहा है और धरती पहले के मुकाबले और भी ज्यादा गर्म होती जा रही है। सरकार को जल्द ही इसपर ध्यान देते हुए कार्रवाई करने की ज़रूरत है।
लिसिप्रिया को यूएन से आमंत्रण
सात साल की लिसिप्रिया को संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक मंच के छठे सत्र में संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करने के लिए बुलाया गया था। यूएन के इस कार्यक्रम की थीम रेजिलिएंट डिविडेंड: टुवर्ड्स सस्टेनेबल एंड इनक्लूसिव सोसाइटी थी। वह संयुक्त राष्ट्र ऑफिस फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन और स्विटजरलैंड सरकार की ओर से आमंत्रण प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की पहली प्रतिभागी है। लिसिप्रिया मूल रूप से भारत के मणिपुर राज्य की रहने वाली है और कक्षा 2 में पढ़ाई करती है। वो इस समय अंतरराष्ट्रीय युवा समिति(आईवाईसी) में बाल आपदा जोखिम न्यूनीकरण अधिवक्ता के रूप में कार्यरत हैं।
सभी से जुड़ने की अपील
आपदा प्रबंधन पर बातचीत के दौरान लिसिप्रिया ने कहा कि जब मैं भूकंप, बाढ़ और सुनामी के कारण टीवी पर लोगों को पीड़ित और मरते हुए देखती हूं तो मैं डर जाती हूं। मैं रोती हूं जब मैं देखती हूं कि बच्चों को अपने माता-पिता को खोते हुए या आपदाओं के कारण लोग बेघर हो रहे हैं। मैं सभी लोगों से इस काम में दिमाग और जुनून से जुड़ने का आग्रह करती हूं, ताकि हम सभी के लिए एक बेहतर दुनिया का निर्माण हो सके।