इसरो के मिशन 'गगनयान' की उल्टी गिनती शुरू, ट्रेनिंग के लिए रूस रवाना हुए IAF के 7 पायलट
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पहले मानवयुक्त मिशन 'गगनयान' के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का चयन कर लिया गया है। कड़े टेस्ट से गुजरने के बाद भारतीय वायुसेना के 12 पायलटों को इसके लिए चुना गया है जिनमें से 7 लोगों को ट्रेनिंग के लिए रूस रवाना कर दिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
एक या दो यात्री ही जाएंगे अंतरिक्ष में
पहचान छिपाए जाने की शर्त पर अधिकारी ने मीडिया को बताया कि, गगनयान के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का चयन कर लिया गया है और 7 लोगों के पहले बैच को ट्रेनिंग के लिए रूस रवाना कर दिया गया है। अधिकारी ने आगे बताया कि, प्रथम स्तर में गगनयान परियोजना के लिए 12 का चयन किया गया है। यह एक स्क्रीनिंग प्रक्रिया है इसके बाद आखिर में इनमें से चार लोगों को चुना जाएगा। उन्होंने ने बताया कि, मिशन लॉन्च के होने के समय अतंरिक्ष में जाने के लिए 1 या 2 'गगन यात्री' का चयन किया जाएगा।
ऐसे हुआ अंतरिक्ष यात्रियों का चुनाव
मालूम हो कि, मिशन गगनयान के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के चयन के लिए वायुसेना के पायलटों की आयु को 30 साल तक निर्धारित किया गया था। एयर मार्शल एमएस बुटोला ने बताया कि इस आयु वर्ग का कोई भी पायलट शुरुआती परीक्षा पास नहीं कर सका इसलिए आयु सीमा बढ़ा कर 41 वर्ष कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि मानव को अंतरिक्ष में ले जाने वाले विमान में जीवनरक्षक प्रणाली, स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली और विमान सहयोग प्रणाली पर कार्य किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने की थी गगनयान की घोषणा
इसरो के पहले मानवयुक्त मिशन गगनयान की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में की थी। इस मिशन को वर्ष 2021 तक लॉन्च करने का प्रस्ताव रखा गया है। विमान के निर्माण से लेकर कैप्सूल के डिजाइनिंग तक सभी प्रक्रिया जोर-शोर से चल रही है। गौरतलब है कि भारत से पहले दुनिया के कुछ सबसे उन्नत देशों ने मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम का प्रयास किया है और चुनौतियों के सामने उन्हें इसे छोड़ना पड़ा क्योंकि वे सफल नहीं हो सके।