NIA की बड़ी कार्रवाई, टेरर फंडिंग केस में 7 अलगाववादी नेता गिरफ्तार
इससे पहले एनआईए ने इन लोगों से पूछताछ करने में असमर्थता जाहिर की थी, क्योंकि ये लोग प्रीवेंटिव कस्टडी में थे।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टेरर फंडिंग के मामले में 7 हुर्रियत नेताओं को गिरफ्तार किया है। हुर्रियत के जिन नेताओं को गिरफ्तार किया गया है, उनमें बिट्टा कराटे को दिल्ली से और नईम खान, अल्ताफ फंटूस, अयाज अकबर, पीर सैफुल्ला, मेराजुद्दीन कलवल और एसयू इस्लाम को श्रीनगर से पकड़ा गया है। इन 6 नेताओं को भी एनआईए की टीम श्रीनगर से दिल्ली लेकर आ रही है।
इससे पहले एनआईए ने इन लोगों से पूछताछ करने में असमर्थता जाहिर की थी, क्योंकि ये लोग प्रीवेंटिव कस्टडी में थे। एनआईए ने इन लोगों से पूछताछ करने के लिए गिरफ्तारी की इजाजत मांगी थी। गौरतलब है कि टेरर फंडिंग मामले में 30 मई को एनआईए ने केस दर्ज किया था, जिसके बाद इन नेताओं की गिरफ्तारी हुई है।
पाकिस्तान से मिले 1500 करोड़ रुपए
हुर्रियत नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेजों से खुलासा हुआ कि बीते 8 साल में इन अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तान से 1500 करोड़ रुपए मिले है। पाक से मिली कुल रकम का आधा हिस्सा तो इन नेताओं ने घाटी में आतंक फैलाने के लिए इस्तेमाल किया और बाकी रकम से अपनी संपत्ति बढ़ाई।
पिछले महीने की थी बड़ी छापेमारी
एनआईए ने पिछले महीने श्रीनगर, जम्मू, हरियाणा और दिल्ली समेत 30 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की थी। छापेमारी में करीब 3 करोड़ रुपए की नकदी और करोड़ों की संपत्ति की जानकारी मिली। साल 1990 के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब हुर्रियत नेताओं को आ रही फंडिंग की जांच करने में तेजी लाई गई है। जांच में जो बातें समाने आई हैं, उसमें खास यह है कि अलगाववादी नेताओं ने पाक से मिल फंड के जरिए घाटी में आतंक के लिए जरूरी संसाधन इकट्ठा किए और अपनीं संपत्ति में भी इजाफा किया।