7 बीटेक छात्रों ने मेहुल चौकसी को कोर्ट में घसीटा, 2017 में तीसरी श्रेणी के हीरे बेचने का आरोप
शानदार कमाई करने के उनके सपने तब चकनाचूर हो गए जब उन्हें एहसास हुआ कि डेढ़ करोड़ रुपए की सुरक्षा जमा राशि के बदले उन्हें तीसरी श्रेणी के क्षतिग्रस्त और पुराने हीरे और रत्न भेजे गए हैं।
नई दिल्ली। जिस मेहुल चौकसी को पीएनबी के साथ हुए हजारों करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है उसको राजस्थान के सात बीटेक ग्रैजुएट्स ने कोर्ट में घसीटा हुआ है। अरबपति मेहुल चौकसी द्वारा किए गए घोटाले की सीबीआई और ईडी सहित कई एजेंसियां जांच कर रही है। वहीं दूसरी तरफ जयपुर के राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी कॉलेज के सात छात्रों ने उन्हें पिछले दो सालों से कोर्ट में घसीटा हुआ है।
गीतांजलि ज्वैलरी की रीटेल फ्रेंचाइजी खोली थी
सभी बीटेक के ग्रैजुएट छात्रों ने लोगों से दान लेकर, सामान गिरवी रखकर और अपने माता-पिता से पैसे लेकर 3 करोड़ रुपए जमा किए थे। इन पैसों से उन्होंने दिल्ली के रजौरी गार्डन में अक्टूबर 2013 में गीतांजलि ज्वैलरी की रीटेल फ्रेंचाइजी खोली थी। इस फ्रेंचाइजी का नेतृत्व इलैक्ट्रॉनिक इंजीनियर वैभव खुरानिया और आईटी इंजीनियर दीपक बंसल ने किया था। इस ग्रुप ने आरएम ग्रीन सॉल्यूशन्स नाम से कंपनी खोली थी।
कोर्ट ने चौकसी की गिरफ्तारी का आदेश दिया था
शानदार कमाई करने के उनके सपने तब चकनाचूर हो गए जब उन्हें एहसास हुआ कि डेढ़ करोड़ रुपए की सुरक्षा जमा राशि के बदले उन्हें तीसरी श्रेणी के क्षतिग्रस्त और पुराने हीरे और रत्न भेजे गए हैं। इसके बाद इंजीनियर साकेत कोर्ट पहुंचे जहां चौकसी पर लगे आरोपों को सही पाए जाने पर उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया था। इंजीनियरों का आरोप है कि चौकसी की कंपनी ने कई बार मैसेज, फोन कॉल और ईमेल्स के करने के बावजूद जमा राशि के बदले स्टॉक बदलने से इंकार कर दिया जबकि उन्हें दर्ज एफआईआर के बारे में जानकारी मिल चुकी थी। शिकायत से परेशान होकर चौकसी ने अगस्त 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर रद्द करने की मांग की थी।
नीरव मोदी पर शिकंजा
पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी पर शिकंजा कसता जा रहा है। नीरव मोदी के मुंबई स्थित घर पर प्रवर्तन निदेशालय छापेमारी कर रही है। वहीं नीरव मोदी के सूरत के 3 और दिल्ली के एक ठिकाने पर भी छापेमारी हो रही है। वहीं केन्द्र सर्तकता आयोग ने पीएनबी के अधिकारियों को समन कर पूछताछ के लिए बुलाया था जो अब खत्म हो चुकी है।
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