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सरकार के इस कदम से चीन को 7,000-8,000 करोड़ की पहुंची चोट, जानिए पूरा मामला?

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नई दिल्ली। भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने 4 जी अपग्रेडेशन के लिए जारी किया टेंडर रद्द कर दिया है। दूरसंचार विभाग की कमेटी ने इस टेंडर को रद्द करने की सिफारिश की थी और अब दूरसंचार विभाग के द्वारा बनाई गई 6 सदस्यों की एक कमेटी अपग्रेडेशन से जुड़ी ज़रूरतों को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी और उसके बाद विभाग की ओर से अगले दो हफ़्ते में नया टेंडर जारी किया जाएगा।

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रिपोर्ट के मुताबिक दूरसंचार विभाग ने सुरक्षा को देखते हुए चीन की कंपनियों के द्वारा बनाए गए दूरसंचार उपकरणों को सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर में इस्तेमाल करने से मना किया है। ये टेंडर 7000 से 8000 करोड़ रुपये का था। सूत्रों ने जानकारी दी कि जल्द ही एक नया टेंडर लाया जाएगा जो कि मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगा। वहीं, भारतीय क्षमता और स्वदेशी प्रोद्योगिकी को भी इस टेंडर की मदद से बढ़ावा दिया जाएगा।

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दरअसल, अधिकांश चीन की कंपनियों पर चीन की सरकार का नियंत्रण है, ऐसे में भारत सहित कई देशों में चीन की कंपनियों पर सवाल उठते रहे हैं। मंगलवार को ही अमेरिकी नियामक ने चीन की दो कंपनियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरा घोषित कर उन्हें सरकारी प्रोजेक्ट से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

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नियामक ने साफ कहा कि चीन की इन कंपनियों का नियंत्रण चीन की सरकार के हाथों में है और वो नहीं चाहते कि टेलीकॉम जैसी नाजुक और अति संवेदनशील इंफ्रास्ट्रक्चर का गलत इस्तेमाल चीन की सरकार इन कंपनियों के माध्यम से उठा ले।

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टेंडर रद्द होने से नई प्रक्रिया में चीनी कंपनियों के अयोग्य होने की संभावना बढ़ी

टेंडर रद्द होने से नई प्रक्रिया में चीनी कंपनियों के अयोग्य होने की संभावना बढ़ी

माना जा रहा है कि टेंडर रद्द होने के बाद नई प्रक्रिया में चीनी कंपनियों के अयोग्य होने की संभावना बढ़ गई है, क्योंकि DoT ने भारत में निर्मित उपकरणों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए निजी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ परामर्श कर रहा है।हाल ही में भारत सरकार ने दोनों सरकारी टेलीकॉम कंपनियों को टेंडर के लिए चीनी सामान न खरीदने का आदेश दिया था।

भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद देश भर में चीनी सामानों का बहिष्कार

भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद देश भर में चीनी सामानों का बहिष्कार

पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध स्थल पर झड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद देश भर में चीनी सामानों के बहिष्कार की मांग उठ रही है। सोशल मीडिया पर इसके ख़िलाफ़ जोरदार अभियान चल रहा है और बीजेपी के भी कई बड़े नेताओं ने चीनी सामान के बहिष्कार की अपील की है।

हाल ही में भारत ने चीन के 59 सोशल मीडिया ऐप पर बैन लगा दिया

हाल ही में भारत ने चीन के 59 सोशल मीडिया ऐप पर बैन लगा दिया

हाल ही में भारत ने चीन के 59 सोशल मीडिया ऐप पर बैन लगा दिया था। कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने भी चीन में बने इलेक्ट्रिसिटी मीटर्स के प्रदेश में लगने पर बैन लगा दिया था।

भारतीय रेलवे ने चीनी कंपनी के साथ हुए एक करार को रद्द कर दिया

भारतीय रेलवे ने चीनी कंपनी के साथ हुए एक करार को रद्द कर दिया

वहीं, पिछले महीने भारतीय रेलवे ने चीनी कंपनी के साथ हुए एक करार को रद्द कर दिया था। यह करार 2016 में चीन की कंपनी बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ़ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन ग्रुप कंपनी लिमिटेड के साथ हुआ था। इस करार से चीनी कंपनी को 471 करोड़ रुपये मिलने थे।

महाराष्ट्र सरकार भी चीनी प्रोजेक्ट्स को लेकर ले चुकी है बड़ा फैसला

महाराष्ट्र सरकार भी चीनी प्रोजेक्ट्स को लेकर ले चुकी है बड़ा फैसला

पिछले दिनों महाराष्ट्र सरकार ने भी चीनी प्रोजेक्ट्स को लेकर एक बड़ा फैसला लिया। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने चीन की तीन कंपनियों के साथ हुए करार पर रोक लगा दी। बताया जा रहा है कि मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2.0 समिट में राज्य सरकार ने तीन चीनी कंपनियों के साथ पांच हजार करोड़ के निवेश के प्रोजेक्ट पर साइन किए थे। महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि हमने यह फैसला केंद्र सरकार के परामर्श से लिया है। उन्होंने बताया कि भारत-चीन सीमा पर 20 भारतीय सैनिकों की हत्या से पहले इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे।

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के लिए चीनी कंपनी को अभी नहीं मिला है टेंडर

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के लिए चीनी कंपनी को अभी नहीं मिला है टेंडर

दिल्ली-मुंबई हाईवे को लेकर प्रस्तावित रेल रूट पर 5.6 किलोमीटर लंबे अंडरग्राउंड हिस्से को बनाने के लिए चीन की कंपनी को टेंडर दिया गया है। सोशल मीडिया में अब इसके खिलाफ आवाज उठने लगी। इसके बाद केंद्र सरकार ने स्थिति साफ करते हुए कहा कि अभी तक इस काम को लेकर टेंडर फाइनल नहीं किया गया है। पिछले साल नौ नवंबर को इसके लिए टेंडर मांगे गए थे, जिसे तकनीक रूप से 16 मार्च को खोला गया।

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English summary
The Department of Telecommunications has prohibited the use of telecom equipment manufactured by Chinese companies in government infrastructure due to security. This tender was from 7000 to 8000 crores. Sources informed that a new tender will be introduced soon which will promote Make in India. At the same time, Indian capacity and indigenous technology will also be promoted with the help of this tender.
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