क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

आरुषि हत्‍याकांड के 6 साल: हर शीशे में अपना अक्स देखकर इठलाती थी आरुषि

Google Oneindia News

6th death anniversary of Aarushi Talwar
नोएडा। उसे आसंमा में उड़ने की चाहत थी। सागर की लहरों से बात करना उसका जुनून था। जिंदगी के हर लम्‍हों को हंसकर जीना चाहती थी वो। उसका हर पल खुशियों से भरा होता था। अपने पापा की परी थी और ममा की लाडली। दोस्‍त उसे आरू कहते थे... सबकी फेवरेट आरू। उसके पापा ही तो उसके सबसे अच्छे फ्रेंड थे। हमेशा उसे समझाते। वो रोती तो चुप करवाते। गोद में लेकर उसके बचपन की कहानियां सुनाते। उसके पापा ने उससे बोला था कि जानती हो तुम इस दुनिया में आई तो हमने कहा लक्ष्मी आई है...गुड़िया आई है। हमने अपनों के साथ गैरों का भी मुंह मीठा करवाया था। उस दिन वो खूब हंसी थी।

क्या दिन थे वे भी। वो रोती...तो जागते थे पापा। वो हंसती तो हंसती थी ममा। नींद नहीं आती तो लोरी सुनाते थे पापा। चुप हो जाती तो हंसाती थी ममा। वो खुद मुझे सब कुछ सिखाना चाहते थे। मां-बाप की कमाई बढ़ रही थी, दोनों मशहूर डॉक्टर बन गए थे। लेकिन उसके लिये वक्‍त घटता गया, घर की रौनक घटती गई। न जाने किसकी बुरी नजर लग गई वरना आज वो पूरी 20 साल की होती। जी हां हम बात कर रहे हैं हर शीशे में अपना अक्स देखकर इठलाने वाली, बेहद जिंदादिल-खुशमिजाज, धूप की तरह खिलखिलाती और अल्हड़ नदी की तरह घूमती फिरती आरुषि तलवार की जिसे मौत की नींद सोए आज पूरे 6 साल हो गये।

इन छह सालों में देश की इस सबसे बड़े मर्डर मिस्‍ट्री में कई मोड़ आए। आखिर में आरुषि की हत्‍याकांड में बीते साल नंवबर माह में गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने राजेश तलवार और नूपुर तलवार को आइपीसी की धारा 302/34 और 201 (साक्ष्य छिपाने) का दोषी करार दिया। तो आईए आज आरुषि के छठीं बरसी पर उस घटना और उससे जुड़ी तमाम बातों को फिर से याद करते हैं।

15 मई 2008

आज से ठीक 6 साल पहले यानी 15 मई 2008 का दिन। रोजाना की तरह आरुषि तलवार इस दिन भी सुबह करीब 6 बजे जगी थी। मां नूपुर तलवार ने उसे स्कूल जाने के लिए तुरंत तैयार कराया। नौकर हेमराज ने मन पसंद नाश्ता तैयार किया। जल्दबाजी में उसने नाश्ता नहीं किया लेकिन टिफिन में उसे रख लिया। 16 मई को लास्ट क्लास थी, इसके बाद गर्मियों की छुट्टी होने वाली थी। इसलिए उस दिन वह अपना ज्यादातर समय अपने दोस्तों के साथ छुट्टियां मनाने के लिए प्लानिंग करने में जुटी थी।

उसी दिन आरुषि अपने बर्थडे की पार्टी सेलीब्रेट करने के लिए दोस्तों के साथ तैयारी भी कर ली थी। दोपहर करीब 2 बजे स्कूल की छुट्टी होने के बाद वह सेक्टर 25 में ही रहने वाली नानी के घर आई। इसके बाद हेमराज के साथ अपने घर लौट आई थी। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि रात करीब 10 बजे डॉक्टर दंपती और आरुषि ने एक साथ खाना खाया था। इसके बाद डॉक्टर दंपती आरुषि के कमरे में जाते हैं और करीब 45 मिनट तक बर्थडे सेलीब्रेट करने को लेकर बातचीत हुई। बातचीत कर तय हुआ कि बर्थडे की पार्टी कहां होगी और किन लोगों को बुलाना है। इसके बाद डॉ. राजेश तलवार अपने कमरे में जाकर इंटरनेट पर कुछ वेबसाइटें सर्च करने में जुट जाते हैं। देर रात करीब 11:41 बजे इंटरनेट यूज करने के बाद वह आरुषि के रूम में जाकर मॉडम स्विच ऑफ करते हैं।

सुबह मिला आरुषि का शव

16 मई 2008 की सुबह लगभग 7 बजे नोएडा पुलिस को सेक्‍टर-25 L-32 में रहने वाले राजेश तलवार ने सूचना दी कि उनकी इकलौती बेटी की हत्‍या हो गई है। पॉश कॉलोनी में हत्‍या की खबर पाकर पुलिस खेमे में हड़कंप मच गया। सेक्‍टर 20 थाने की पुलिस फौरन मौके पर पहुंची और पता चला कि आरुषि के सिर और गले को किसी धारदार हथियार से काटा गया है। घटना के वक्‍त नौकर हेमराज के गायाब होने से पुलिस का शक सीधे हेमराज पर गया। पुलिस ने बिना मामले को जांचे परखे एक टीम गठित कर दी और उसे नेपाल रवाना कर दिया गया। अगले दिन सुबह राजेश तलवार की छत पर ही हेमराज का शव बरामद हुआ।

English summary
Six years to the day that 14-year-old Aarushi Talwar was found dead in her bed with her throat slit.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X