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685 करोड़ के नकली चालान रैकेट का भंडाफोड़, जेल भेजा गया मुख्य आरोपी

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नई दिल्ली। सीजीएसटी दिल्ली दक्षिण आयुक्तालय के अधिकारियों ने गुरूवार को फर्जी / डमी फर्मों के जीएसटीआईएन पर जारी चालान / ई-वे बिल में शामिल फर्मों के एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है। अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के नकली चालानों के बल पर आईजीएसटी का रिफंड ले रहा था। गिरफ्तार मुख्य आरोपी को साकेत कोर्ट ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

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मामले में मेसर्स बाण गंगा इम्पेक्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसका प्रधान कार्यालय एल -10 ए, गंगा टॉवर, महिपालपुर, नई दिल्ली -110037 (GSTIN 07AAMFB0425A1Z4) में स्थित है। अधिकारियों द्वारा जब्त दस्तावेजों की प्रारंभिक छानबीन से पता चला है कि फर्म ई-वे पोर्टल / जीएसटीएन पोर्टल पर उपलब्ध डेटा / जानकारी से नई दिल्ली स्थित मेसर्स बाण गंगा इम्पेक्स ने गैर-मौजूदा 48 से चालान का लाभ उठाया है।

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रिपोर्ट के मुताबिक मेसर्स बाण गंगा इम्पेक्स ने नकली संस्थाओं से जुटाए चालान के जरिए लगभग 685 करोड़ रुपए लाभ उठाया है, जिसमें लगभग 50 करोड़ रुपए जीएसटी शामिल था और लगभग 35 करोड़ रुपए का रिफंड पाने में सफल हुआ था। मैसर्स बाण गंगा इम्पेक्स के पार्टनर राकेश शर्मा उक्त सांठगांठ के मुख्य लाभार्थी हैं और फर्म की सभी परिचालन गतिविधियों से निपटने के लिए उसे 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया और उसी दिन मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, साकेत कोर्ट के समक्ष पेश किया गया।

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English summary
Officials of CGST Delhi South Commissionerate have busted a syndicate of firms included in the challan / e-way bill issued on GSTIN of fake / dummy firms on Thursday. Officials said IGST was taking refunds on the basis of such fake invoices. The arrested main accused has been sent to judicial custody for 14 days by the Saket court.
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