पंजाब में कोरोना मरीज के अंतिम संस्कार को रोकने के लिए हंगामा, 65 के खिलाफ केस
नई दिल्ली। पंजाब के जालंधर में कोरोना संक्रमण से मौत के बाद मरीज के अंतिम संस्कार को स्थानीय लोगों ने रोकने की कोशिश की। हंगामा करने और पुलिस प्रशासन के काम में बाधा डालने के लिए 65 से ज्यादा लोगों पर केस किया गया है। ज्यादातर अज्ञात के खिलाफ ये केस दर्ज हुआ है। जांलघर के हरनामदासपुरा में सैकड़ों लोगों ने देर तक कोरोना मरीज के दाह संस्कार को रोक कर रखा। इन लोगों का कहना है कि इससे आसपास कोरोना फैल जाएगा।
हरनामदासपुरा में स्थानीय लोगों ने कोरोना मरीज के अंतिम संस्कार को रोकने के किए देर तक हंगामा किया। करीब दो घंटे शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका। अधिकारियों के काफी समझाए जाने के बाद लोगों हटे और अंतिम संस्कार किया गया।
लुधियाना में ही कोरोना से मौत होने के बाद 69 वर्षीय महिला के परिजनों ने उनका शव लेने से इनकार कर दिया था। अमृतसर के वेरका गांव में भी लोगों निर्मल सिंह खालसा के अंतिम संस्कार को रोकने की कोशिश की थी। लोगों के बीच इस तरह की चर्चाएं हैं कि कोरोना से मौत के बाद अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले या जहां अंतिम संस्कार होगा, उसके आसपार के लोगों को कोरोना संक्रमण हो सकता है।
Over 65 unidentified people have been booked for obstructing cremation of a #COVID19 patient in Jalandhar's Harnam Daspura, Punjab. "The locals created ruckus saying that they might get infected if the patient would be cremated in their locality," say police. (9.4.2020) pic.twitter.com/q5U2fWXPPI
— ANI (@ANI) April 10, 2020
इस सबके बीच गुरुवार को पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू और तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और राज्य के प्रमुख पीजीआईएमईआर अस्पताल में एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल हुए जिसकी मौत कोरोना से हुई थी। कोरोना वायरस मरीज के अंतिम संस्कार में शामिल होने से बीमारी फैलने के मिथक को दूर करने के लिए उन्होंने ऐसी किया। फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोनो वायरस पॉजिटिव व्यक्तियों का अंतिम संस्कार करने में कोई खतरा नहीं है। इसको लेकर किसी अफवाह का शिकार ना बनें।