64 देशों के राजनयिक पहुंचे भारत बायोटेक, ली कोरोना वैक्सीन की तैयारियों की जानकारी
नई दिल्ली। देश की कई दवा कंपनियां कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटी हुई हैं। 5 कंपनियों की वैक्सीन का ट्रायल फाइनल स्टेज में है। इनमें से कई ने टीके के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति भी मांगी है। इसी बुधवार को दुनिया भर के 64 राजदूत और वरिष्ठ राजनयिक दिल्ली से हैदाराबाद पहुंचे हैं। 64 विदेशी मिशनों के प्रमुखों की एक टीम ने हैदराबाद के भारत बायोटेक का दौरा किया। यहां कोरोना वायरस की वैक्सीन- कोवैक्सीन बनाई जा रही है।
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राजनयिकों को वैक्सीन पर काम कर रहे वैज्ञानिकों की ओर से अब तक हुई प्रगति के बारे में बताया जा रहा है। यह दौरा भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से प्रस्तावित था। सूत्रों ने बताया, बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक द्वारा राजदूतों को बताया गया कि 33 फीसदी वैश्विक वैक्सीन जीनोम वैली में उत्पादित की गई है। उन्होंने राजदूतों को बताया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैक्सीन मानवता के लिए उपलब्ध होगी। हैदराबाद में सबसे बड़ी एफडीए द्वारा स्वीकृत वैक्सीन सुविधाएं हैं।
भारत-बायोटेक और बायोलॉजिकल-ई कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीन निर्माण व उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।भारत बायोटेक ने जहां कोवैक्सीन नामक टीका विकसित किया है। वहीं बायोलॉजिकल-ई कम्पनी के साथ अमेरिका के ओहायो स्टेट इनोवेशन फंड ने नई वैक्सीन तकनीक में पाटर्नर की भूमिका में है। जो इस टीके का विकास करेगी। भारत बायोटेक के चेयरमैन डॉक्टर कृष्णा एला ने इस टीम को कोरोना वैक्सीन के निर्माण और उसकी तैयारियों के बारे में जानकारी दी।
भारत में डेनमार्क के राजदूत एफ स्वेन ने कहा कि, मैं वास्तव में यह देखकर प्रभावित हूं कि, हम कितने आगे आ गए हैं। आप कोरोना का मुकाबला करने के लिए कितने समर्पित हैं, आपने मानवता की मदद करने पर कितना ध्यान केंद्रित किया है। यह केवल वाणिज्यिक या राष्ट्र का पहला हित नहीं है, बल्कि आप वास्तव में दुनिया के साथ जुड़ रहे हैं और हम सभी की मदद कर रहे हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया के राजदूत ने कहा कि, दुनिया भर के देशों में कई टीके का उत्पादन किया जा रहा है, लेकिन भारत केवल एक ऐसा देश है जिसमें सभी देश के लिए टीका बनाने की पर्याप्त क्षमता है।
उधर कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत बायोटेक के अलावा सीरम इंस्टिट्यूट और फाइजर इंडिया ने भी सरकार से कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल करने का आवेदन किया है। कोरोना महामारी के बीच भारत बायोटेक का तीसरा चरण का ट्रायल अभी चल रहा है। दवा निर्माण और वितरण के मामले में भारत दुनिया में सबसे आगे है। कोरोना के शुरुआती दौर में भारत ने अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा की सप्लाई की थी।
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