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विशेष VIP सुरक्षा के तहत 600 CRPF कमांडो करते हैं गांधी परिवार के 3 सदस्यों की सुरक्षा!

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बेंगलुरू। भारत सरकार ने कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत गांधी परिवार के 3 सदस्यों की एसपीजी सुरक्षा को जेड प्लस सुरक्षा में बदल दिया है, जिसके लिए कांग्रेसी आसमान सिर पर उठाए हुए हैं। संसद के शीतकालीन सत्र से वाक आउट करने वाले कांग्रेसी सांसदों ने एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने का एतराज किया है।

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कांग्रेस ने सरकार की पूरी कवायद को राजनीतिक से प्रेरित बताया है और पूरी घटना को मोदी सरकार की कुंठित मानसिकता को द्योतक बताया है। जबकि सरकार ने एसपीजी सुरक्षा हटाने के लिए गांधी परिवार पर खतरे की संभावना में आई कमी का हवाला दिया है।

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गांधी परिवार के महज 3 सदस्यों की सुरक्षा में तैनात की गई सीआरपीएफ की 6 कंपनियां एसपीजी सुरक्षा से कमजोर नहीं हैं, क्योंकि गांधी परिवार के निवास स्थलों पर तैनात किए गए सीआरपीएफ की 6 कंपनियों में कुल 600 कमांडो मौजूद होंगे, जिनका सुरक्षा घेरा एसपीजी के बराबर ही कहा जाता है।

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गांधी परिवार के तीनों सदस्यों में शामिल कांग्रेस अंतरिण अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को सीआरपीएफ की विशेष वीआईपी सुरक्षा करने वाली टीम की 6 कंपनियां 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करेंगी।

चूंकि जेड प्लस सुरक्षा 'वाई' बुक के आधार पर तैयार की जाती है, इसके मुताबिक प्रत्येक सदस्य के साथ सीआरपीएफ के 200 कमांडो तैनात किए जाएंगे। इतना ही नहीं, जेड प्लस सुरक्षा के तहत गांधी परिवार के प्रत्येक सदस्य के निवास स्थल की सुरक्षा का जिम्मा दिल्ली पुलिस के जवान अतिरिक्त करेंगे।

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जेड प्लस सुरक्षा के तहत गांधी परिवार को तीनों सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा के तहत मिली बुलेट प्रूफ गाड़ियां भी दी जाएंगी। गांधी परिवार से पूर्व सरकार ने खतरे की संभावना में आई कमी का हवाला देकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरशरण कौर की एसपीजी सुरक्षा हटा दी थी और उन्हें भी सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की थी।

सीआरपीएफ की विशेष वीआईपी सुरक्षा के तहत 600 कमांडो सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के निवास स्थलों पर इजरायली एक्स- 95, एके सीरीज और एमपी- 5 बंदूकों के साथ केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के कमांडो की 2 टुकड़ी सुरक्षा करेंगी।

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सोनिया गांधी का आवास स्थल 10 जनपथ, राहुल गांधी का आवास स्थल तुगलक लेन और प्रियंका गांधी के लोधी एस्टेट स्थित आवास पर सीआरपीएफ की टुकड़ी समान दस्ते के साथ तैनात की गई है, जो 24 घंटे तीनों वीवीआईपी की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। हालांकि विदेश दौरों पर सीआरपीएफ कमांडो उनके साथ नहीं जा सकेंगे।

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उल्लेखनीय है करीब 28 साल पहले वर्ष 1991 में गांधी परिवार के तीनों सदस्यों मसलन सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को एसपीजी सुरक्षा प्रदान की गई थी, जिन्हें एसजीपी कानून 1988 के संशोधन के बाद वीवीआईपी सुरक्षा सूची में शामिल किया गया था, जिसके तहत करीब 4,000 बल वाला एसजीपी सुरक्षा दी गई थी। हालांकि अब केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास को ही एसपीजी सुरक्षा हासिल है।

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केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सीआरपीएफ की एक विशेष वीवीआईपी सुरक्षा इकाई को गांधी परिवार की जेड प्लस सुरक्षा लगाया गया है, जो एसपीजी सुरक्षा से कमतर नहीं है, क्योंकि नए सीआरपीएफ कवर में तीनों वीवीआईपी के लिए एक एडवांस सिक्योरिटी लायजन (एएसएल) का प्रावधान किया गया है। इसके तहत कमांडो को उनके द्वारा दौरा किए जाने वाले स्थानों और क्षेत्र की पहले से जांच करने का अधिकार होगा।

यह भी पढ़ें- बुलेट प्रूफ रेंज रोवर की जगह अब सोनिया गांधी की सुरक्षा करेगी 10 साल पुरानी टाटा सफारी

28 साल पहले सोनिया, राहुल और प्रियंका को मिली थी SPG सुरक्षा

28 साल पहले सोनिया, राहुल और प्रियंका को मिली थी SPG सुरक्षा

सुरक्षा महकमे के अधिकारियों ने आजतक को बताया कि सोनिया, राहुल और प्रियंका को 28 साल पहले एसपीजी सुरक्षा दी गई थी. उन्हें सितंबर 1991 में एसजीपी कानून 1988 के संशोधन के बाद वीवीआईपी सुरक्षा सूची में शामिल किया गया था, जिसको अब वापस ले लिया गया है। इस फैसले के साथ करीब 4,000 बल वाला एसजीपी अब केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में ही तैनात रहेगा।

विदेश साथ नहीं जाएंगी सीआरपीएफ कमांडोज

विदेश साथ नहीं जाएंगी सीआरपीएफ कमांडोज

गांधी परिवार को जेड प्लस सुरक्षा सीआरपीएफ की तरफ से दी जा रही है। सीआरपीएफ का विदेश जाने का कोई मैंडेट नहीं है। एसपीजी में विदेश जाकर भी सुरक्षा करने का मैंडेट था। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और सोनिया गांधी के साथ सीआरपीएफ अब विदेशों में नहीं जाएगी। सीआरपीएफ सिर्फ एयरपोर्ट तक वीआईपी को सुरक्षा देगी।

CRPF के पास है 52 वीआईपी हस्तियों की जिम्मेदारी

CRPF के पास है 52 वीआईपी हस्तियों की जिम्मेदारी

देश में नक्सल विरोधी अभियानों और आंतरिक सुरक्षा कार्यों के लिए एक प्रमुख बल सीआरपीएफ के पास लगभग 52 अन्य वीवीआईपी की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और आरआईएल के अध्यक्ष मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी शामिल हैं।

वाजपेयी को आखिरी वक्त तक मिली थी एसपीजी सुरक्षा

वाजपेयी को आखिरी वक्त तक मिली थी एसपीजी सुरक्षा

एसपीजी सुरक्षा मौजूदा प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री एवं उनके परिजनों को दी जाती है, लेकिन पिछले साल तक यह सुरक्षा पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को मिलती रही है। वाजपेयी को उनके निधन तक एसपीजी सुरक्षा क्वच प्रदान किया गया था। पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा की एसपीजी पहले ही हटा ली गई थी। इस साल पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा भी वापस ले ली गई। मौजूदा समय में पीएम नरेंद्र मोदी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के पास एसपीजी सुरक्षा है।

गांधी परिवार द्वारा कई बार की गई एसजीपी सुरक्षा की अवहेलना

गांधी परिवार द्वारा कई बार की गई एसजीपी सुरक्षा की अवहेलना

राहुल गांधी ने वर्ष 2005 से 2014 तक देश के अलग-अलग हिस्सों में नॉन-बुलेट रजिस्टेंट व्हीकल (नॉन-बीआर वाहन) में 18 बार यात्रा की। यह एक गंभीर उल्लंघन है. इसके अलावा 2015 से इस वर्ष मई तक राहुल गांधी ने 1,892 मौकों पर दिल्ली में नॉन-बीआर वाहनों में यात्राएं कीं। इसी तरह कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वर्ष 2015 से लेकर 2019 के दौरान करीब 50 मौकों पर एसपीजी बीआर व्हीकल का इस्तेमाल नहीं किया। एक बार तो उन्हें राहुल गांधी खुद ड्राइव कर ले गए,जिस गाड़ी में दोनों गए वह नॉन बीआर व्हीकल थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के मामले में भी कई असुरक्षित आंकड़े हैं। वर्ष 2015 से 2019 तक दिल्ली में 339 मौकों पर उन्होंने भी एसपीजी बीआर व्हीकल का इस्तेमाल नहीं किया। प्रियंका गांधी ने वर्ष 1991 के बाद से कुल 99 विदेशी यात्राएं कीं, लेकिन केवल 21 यात्रा में ही वह अपने साथ एसपीजी के जवानों को लेकर गईं।

Comments
English summary
Congress leaders have termed the entire exercise of removing SPG security of the three members of the Gandhi family including Congress interim president a politically motivated and have described the entire incident as a frustrated mindset of the Modi government, while central government says SPG security removed from the Gandhi family due to cited reduction of potential danger.
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