मदरसे से भागा 6 साल का हसन, 9 साल बाद ऐसे मिला अपने मां-बाप से
नई दिल्ली। दक्षिण दिल्ली के छतरपुर इलाके में रहने वाला हसन 6 साल की उम्र में परिवार से बिछड़ गया था। नौ साल के लंबे समय के बाद वह मंगलवार को एक बार फिर अपने परिवार वालों से मिला। मंगलवार को गुरुग्राम के बाल कल्याण कमेटी ने हसन को उसके माता-पिता से मिलवा दिया। हसन 9 साल पहले मदरसे से भाग आया था और अपना घर भूल गया था। हसन जब परिवार से बिछड़ा था तब उसकी उम्र 6 साल थी आज वो 16 साल का हो चुका है।
हसन पिछले 9 साल से गुड़गांव के अलग-अलग चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में रह रहा था। 22 जुलाई को हसन और उसकी संस्था के तकरीबन 100 बच्चे सोनीपत में स्थित एक एम्यूजमेंट पार्क में घूमने गए थे। बच्चों का समूह छतरपुर से होकर गुजरा तो हसन ने संस्था के पदाधिकारी आशिफ अली से कहा कि वो यहां पहले भी आ चुका है। जिस पर कमेटी के कॉर्डिनेटर ने अच्छे की उम्मीद में उसके परिवार को ढूंढना शुरू कर दिया।
हसन के बताने के बाद आशिफ अली जुलाई में उसे लेकर छतरपुर में उसका घर तलाशने लगे और मदरसों में पूछताछ भी करने लगे। आशिफ अली ने बताया कि जुलाई में हसन के बताने के बाद वह उसे लेकर सुल्तानपुर में उसका घर तलाशने लगे और मदरसों में पूछताछ की। इसी दौरान उन्हें छतरपुर क्षेत्र के मदरसे से हसन के परिजनों के बारे में पता लगा और हसन के नाना-नानी से मुलाकात हुई जहां से उसके माता-पिता का पता लगा।
आशिफ को पता चला कि हसन का परिवार हरियाणा के धारूहेड़ा में रहकर गुजर-बसर कर रहा है। इसके बाद हसन के घरवारों को खबर दी गई कि उनका बेटा गुड़गांव के चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में है। जिसके बाद हसन के परिवार वाले बेटे से मिलने गुरुग्राम पहुंचे।
हसन को उसके परिवार से मिलाने में सबसे बड़ी भूमिका आशिफ अली की रही। वह लगातार हसन के परिवार का पता लगाने के लिए कोशिशों में जुटे रहे। हसन के पिता सलीम मोहम्मद ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि उनका बेटा उन्हें मिल गया।
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