यूपी में छह दलितों को वोट नहीं डालने की मिली धमकी, इस तरह से जताया विरोध
नई दिल्ली। एक मजबूत लोकतंत्र की पहचान उसके जागरूक मतदाता से होती है। इसी जागरूकता की पहचान इस लोकसभा चुनाव में पांच छह दलित मतदाताओं ने दी है। उत्तर प्रदेश के चंदौली लोकसभा सीट पर पनरू राम को उनके गांव के पूर्व प्रधान ने 500 रुपए दिए और उनके उंगली में जबरन इंक लगा दी, साथ ही उनके कहा कि वह लोकसभा चुनाव में वोट डालने ना जाएं। लेकिन पूर्व प्रधान के इस प्रस्ताव को पनरू राम ने ठुकरा दिया और कहा कि अपने पैसे वापस ले लो, हम अपना वोट नहीं बेचेंगे। पनरूराम अकेले ऐसे मतदाता नहीं हैं उनके अलावा कुछ और मतदाताओं को भी धमकी दी गई कि वह अपने मताधिकार का प्रयोग ना करें।
चंदौली लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले इस मामले में पूर्व प्रधानम छोटेलाल ने लोगों को धमकाने का काम किया है। जानकारी के अनुसार छोटेलाल कमल के फूल पार्टी के समर्थक हैं। इस धमकी के बाद सभी छह लोगों ने इस मामले को सपा के कार्यकर्ता के सामने उठाया और विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पूरे मामले में पुलिस ने हस्तक्षेप किया। 19 मई को आखिरी चरण के मतदान के दौरान ये सभी छह लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए पहुंचे थे और इनकी सबसे छोटी उंगली में स्याही लगाई गई।
इस मामले में चंदौली के एसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस ने तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह मामला 18 मई का है। पुलिस ने पूर्व प्रधान के अलावा उसके समर्थकों कटवारू तिवारी, डिंपल तिवारी और अन्य के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है। इन लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 148 यानि दंगा फैलाने, 171 एच यानि फर्जी वोट के लिए पैसा देने, 506 यानि आपराधिक मामला और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले में डिंपल और कटवारू फरार चल रहे हैं। मुगलसराय के एसडीएम कुमार हर्ष ने कहा कि हमने घटना का संज्ञान लिया और पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप किया। वहीं भाजपा के स्थानीय नेताओं ने इस तरह के आरोपों को खारिज किया है। इसके अलावा बादामी देवी, बिपिन कुमार को भी वोट नहीं देने की धमकी दी गई। हालांकि सपा के विरोध के बाद इन लोगों को मतदान करने दिया गया। बता दें कि चुनाव के नतीजों की घोषणा 23 मई को की जाएगी।