कोरोना वायरस के डर से यहां 500 पुलिस वालों के हाथ-पांव फूले, बोले- ऐसे नहीं चल सकता
नई दिल्ली- देश पिछले तीन महीने से जानलेवा कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है। इस लड़ाई में हमारे पुलिस वाले फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर हैं, जो अपनी जान की परवाह न करते हुए दिन-रात घर-परिवार से दूर रहकर हमारे लिए ड्यूटी निभा रहे हैं। लेकिन, जिस तादाद में कोरोना ने पुलिस के जांबाजों को अपना शिकार बनाना शुरू किया है, उससे उनमें भी कुछ लोगों के मन में अब थोड़ा-बहुत डर पैदा होना शुरू हो गया। कोलकाता में तो कॉम्बैट फोर्स के 500 पुलिस वालों ने कोरोना ड्यूटी के खिलाफ जमकर बवाल काटना शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक वे सीएम ममता बनर्जी के समझाने पर भी मानने को तैयार नहीं हुए और डीसीपी को ही निशाना बना दिया।
कंटेंमेंट जोन में ड्यूटी के खिलाफ बवाल
कोलकाता पुलिस कॉम्बैट फोर्स के करीब 500 जवानों ने कोरोना वायरस से प्रभावित इलाकों में तैनाती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा है कि इन पुलिस वालों का विरोध इस बात को लेकर है कि उनकी ड्यूटी ऐसे इलाकों में लगाई जा रही है, जहां कोरोना के इंफेक्शन का खतरा बहुत ही ज्यादा है। अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को इसके विरोध में पुलिस वालों ने आचार्य जगदीश चंद्र बोस रोड स्थित पुलिस ट्रेनिंग स्कूल कॉम्पलेक्स में जोरदार प्रदर्शन भी किया। सूत्रों ने तो यहां तक कहा है कि पुलिस वालों ने कॉम्बैट बटालियन के डीसीपी कर्नल नेवेंद्र सिंह पॉल की गाड़ी का भी घेराव किया। जबकि वो तो सिर्फ पुलिस वालों की बात सुनना चाहते थे और कहा जा रहा है कि नाराज पुलिसकर्मियों ने डीसीपी की गाड़ी को भी तोड़ दिया। कॉम्बैट फोर्स के एक अधिकारी ने कहा है, 'हमें हाई-रिस्क वाले इलाकों में ड्यूटी के लिए भेजा जा रहा है। कई पुलिस वाले वारयस से इंफेक्टेड हो चुके हैं। ऐसे नहीं चल सकता। '
सीएम के समझाने पर भी नहीं माने
इस बवाल के बारे में जब कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि तथ्यों को जुटाने के लिए एक जांच बिठा दी गई है। उनके मुताबिक, 'जांच चल रही है। ड्यूटी शेड्यूल को लेकर पुलिस वालों में निराशा हो सकती है, लेकिन अनुशासनहीनता हरगिज बर्दाश्त नहीं की जाएगी।' बड़ी बात तो ये है कि पुलिस वालों की नाराजगी की बात सुनकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कॉम्पलेक्स का दौरा कर चुकी थीं और प्रदर्शकारी पुलिस वालों की मांगों पर विचार करने का भरोसा दे गई थीं। लेकिन, लगता है कि उनके आश्वासन पर भी पुलिस वालों को भरोसा नहीं हुआ। दरअसल पश्चिम बंगाल में अब तक कम से कम 7 पुलिस वालों को कोरोना हो चुका है और यही वजह है कि वह कंटेंमेंट जोन में तैनाती की लेकर चिंतित हैं और इसका विरोध कर रहे हैं।
बंगाल में तेजी से पांव फैला रहा है कोरोना
बता दें कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के नए केस तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। पिछले एक दिन में राज्य में 136 नए मामले सामने आए हैं और कुल मामलों की संख्या बढ़कर 2,961 तक पहुंच गई है। सबसे गंभीर चिंता की बात तो ये है कि वहां कोरोना मरीजों की मौत का अनुपात देश में सबसे ज्यादा है और अबतक 250 लोगों की इससे मौत हो चुकी है। ये स्थिति तब है जब राज्य में टेस्टिंग बहुत ही कम होने के आरोप लगते रहे हैं।
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