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सऊदी अरबः स्टीयरिंग व्हील मिली लेकिन ये पांच अधिकार आज भी नहीं हैं

सऊदी अरब में समानता के अधिकार को लेकर महिलाओं की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है.सऊदी अरब ने यहां की महिलाओं के लिए पहला ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया है, लेकिन पुरुषों के साथ और अधिक समानता को लेकर अभियान चलाने वाली कुछ महिला अधिकार कार्यकर्ताओं को पिछले महीने 'विदेशी ताकतों से संबंध' और देश को "अस्थिर" करने की कोशिश में लगे होने के संदेह में गिरफ़्तार कर लिया गया था.

By BBC News हिन्दी
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सऊदी अरब, महिला अधिकार, अबाया, ह्यूमन राइट वॉच, महिला ड्राइवर, ड्राइविंग लाइसेंस
Getty Images
सऊदी अरब, महिला अधिकार, अबाया, ह्यूमन राइट वॉच, महिला ड्राइवर, ड्राइविंग लाइसेंस

पिछले कुछ दिनों में सऊदी अरब की कई ऐसी ख़बरें सुर्खियों में रहीं जो महिलाओं के अधिकारों में बदलाव को लेकर उन्हें कुछ आज़ादी देती हैं.

यहां की महिलाएं पहली बार स्टेडियम जाकर फ़ुटबॉल मैच देखने में कामयाब हुईं.

महिलाओं को बताया गया कि अब वो सैन्य और ख़ुफ़िया सेवाओं में शामिल हो सकती हैं (लेकिन युद्ध की भूमिका में नहीं).

वहां की महिलाओं ने पहली बार साइकिल रेस में भाग लिया. और अब 24 जून यानी आज से बहुप्रतीक्षित ड्राइविंग पर लागू प्रतिबंध को भी उठा लिया गया है.

वैसे तो सऊदी अरब ने यहां की महिलाओं के लिए पहला ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया है, लेकिन पुरुषों के साथ और अधिक समानता को लेकर अभियान चलाने वाली कुछ महिला अधिकार कार्यकर्ताओं को पिछले महीने 'विदेशी ताकतों से संबंध' और देश को "अस्थिर" करने की कोशिश में लगे होने के संदेह में गिरफ़्तार कर लिया गया था.

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क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान
Getty Images
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान

पुरुषों का बोलबाला

सऊदी अरब में सिंहासन के वारिस 32 वर्षीय क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा था कि वो देश को आधुनिक बनाने की योजना के तहत उदार इस्लाम की वापसी चाहते हैं.

महिलाओं को अधिकार देने के ये फ़ैसले उनके 'विजन 2030' का हिस्सा है.

लेकिन चैथम हाउस में वरिष्ठ शोधार्थी जेन किन्निनमोंट ने अपने अध्ययन में पाया कि 2017 के अंत में किए गए ये उपाय राजनीतिक उदारीकरण के साथ मेल नहीं खाते हैं.

सऊदी अरब महिला अधिकारों पर सबसे अधिक प्रतिबंध लगाने वाले देशों में से है. विश्व आर्थिक मंच के विश्व लिंगभेद सूचकांक में शामिल 144 देशों में इसका स्थान 138वां है.

ऐसी कई चीज़ें हैं जो इस बेहद रुढ़िवाद देश में महिलाएं आज भी नहीं कर सकती हैं.

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सऊदी अरब की महिलाएं, महिलाओं को वोट देने का अधिकार, सऊदी अरब, ड्राइविंग लाइसेंस
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सऊदी अरब की महिलाएं, महिलाओं को वोट देने का अधिकार, सऊदी अरब, ड्राइविंग लाइसेंस

चलिए देखते हैं उन पांच चीज़ों को जो महिलाएं यहां आज भी नहीं कर सकतीं:-

1. बैंक अकाउंट खोलना

सऊदी अरब की महिलाएं अपने पुरुष अभिभावक की अनुमति के बिना बैंक अकाउंट नहीं खोल सकतीं.

यह सऊदी अरब के पितृसत्तात्मक व्यवस्था की वजह से है.

अपने गठन के बाद से सुन्नी इस्लाम के कट्टर कहे जाने वाले वहाबी पंथ की ओर सऊदी अरब का झुकाव रहा है.

वहाबी पंथ के मुताबिक प्रत्येक महिला का एक पुरुष अभिभावक होना ज़रूरी है, जो उनके अहम फ़ैसले लेगा.

ह्यूमन राइट वॉच संगठन सहित कई महिला अधिकार समूहों ने इस अभिभावक व्यवस्था की आलोचना की. ह्यूमन राइट वॉच का कहना था कि इस व्यवस्था के तहत तो महिलाएं "क़ानूनी तौर पर नाबालिग" हो जाती हैं जो खुद के अहम फ़ैसले नहीं ले सकतीं.

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सऊदी अरब, महिला अधिकार, पुरुष अभिभावक
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सऊदी अरब, महिला अधिकार, पुरुष अभिभावक

2. पासपोर्ट पाना (या विदेश यात्रा करना)

अभिभावक व्यवस्था का यह एक और उदाहरण है.

इसके अनुसार सऊदी महिलाओं का पासपोर्ट बनवाने या देश से बाहर जाने के लिए पुरुष अभिभावक की सहमति होना आवश्यक है.

अभिभावक से सहमति लेने की यह व्यवस्था महिलाओं के जीवन के अन्य पहलुओं से भी जुड़े हैं, जिसमें काम पर जाने, पढ़ाई, यहां तक कि कुछ तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी यह लागू है.

अभिभावक के रूप में महिला के पिता, भाई या कोई अन्य पुरुष रिश्तेदार हो सकते हैं, अगर महिला विधवा हो तो वैसे मामलों में कभी कभी यह उसका बेटा भी हो सकता है.

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सऊदी अरब, महिला अधिकार, अबाया, ह्यूमन राइट वॉच, महिला ड्राइवर, ड्राइविंग लाइसेंस
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सऊदी अरब, महिला अधिकार, अबाया, ह्यूमन राइट वॉच, महिला ड्राइवर, ड्राइविंग लाइसेंस

3. शादी या तलाक

शादी करने या तलाक लेने के लिए भी पुरुष अभिभावक से अनुमति लेना आवश्यक है.

अगर बेटा सात साल से बड़ा और बेटी नौ साल से बड़ी हो तो तलाक की स्थिति में बच्चे का अधिकार (कस्टडी) लेना भी मुश्किल है.

यहां महिलाएं अपने पुरुष रिश्तेदारों की दया पर निर्भर रहती हैं.

दूसरी तरफ, अभिभावक किसी भी चीज़ को लेकर अनुमति नहीं देने को लेकर स्वतंत्र हैं.

महिलाओं ने पुरुष अभिभावकों को अपना वेतन सौंपने, शादी से रोकने या जबरन शादी के लिए मजबूर किए जाने को लेकर दुर्व्यवहार की शिकायत की है.

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सऊदी अरब, महिला अधिकार, अबाया, ह्यूमन राइट वॉच, महिला ड्राइवर, ड्राइविंग लाइसेंस
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सऊदी अरब, महिला अधिकार, अबाया, ह्यूमन राइट वॉच, महिला ड्राइवर, ड्राइविंग लाइसेंस

4. पुरुष मित्र के साथ एक मग कॉफ़ी

सऊदी अरब के रेस्तरां में महिलाओं को अपने पुरुष मित्र के साथ बैठने की अनुमति नहीं है.

सभी रेस्तरां जो पुरुषों और महिलाओं के लिए खाना परोसते हैं दो भागों में बंटे होते हैं.

मतलब, यहां परिवार और सिंगल (इसका मतलब पुरुष) के लिए अलग अलग हिस्सों में बैठने की व्यवस्था होती है.

और सभी महिलाओं को परिवार वाले हिस्से में ही बैठना पड़ता है.

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सऊदी अरब, महिला अधिकार, अबाया, ह्यूमन राइट वॉच, महिला ड्राइवर, ड्राइविंग लाइसेंस
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सऊदी अरब, महिला अधिकार, अबाया, ह्यूमन राइट वॉच, महिला ड्राइवर, ड्राइविंग लाइसेंस

5. मनपसंद पहनावा

सऊदी अरब की महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर चेहरा ढकने की ज़रूरत नहीं है लेकिन ढीले-ढाले और पूरा तन ढकने वाले 'अबाया' को पहनना उनके लिए ज़रूरी है.

जो महिलाएं इस नियम का पालन नहीं करतीं उन पर धार्मिक पुलिस यानी 'मुतावा' कार्रवाई करती है.

कुछ शॉपिंग सेंटर में वैसी खास मंजिलें होती हैं जहां यहां कि महिलाएं अपने 'अबाया' को हटा सकती हैं.

इस साल की शुरुआत में, एक धर्मगुरु ने कहा था कि महिलाओं को 'अबाया' नहीं पहनना चाहिए, यह बयान भविष्य में सऊदी अरब में 'अबाया' को लेकर क़ानून बनाने में मदद कर सकता है.

हालांकि गैर सऊदी महिलाओं के ड्रेस कोड को लेकर इस देश का क़ानून लचीला है. अगर वो मुसलमान नहीं हैं तो बालों को ढकना उनके लिए ज़रूरी नहीं है.

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English summary
5 things women in Saudi Arabia still can’t do
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