कोरोना वायरस: विश्वव्यापी महामारी में राहत भरी हैं ये 5 खबरें
नई दिल्ली- अभी देश-दुनिया से कोरोना वायरस से जुड़ी जो भी खबरें आ रही हैं, उनमें से ज्यादातर परेशान करने वाली होती हैं। बात भी सही है कि इस बीमारी ने दुनिया को इस तरह से अपनी गिरफ्त में जकड़ लिया है, जिससे उबरना बहुत ही मुश्किल लग रहा है। लेकिन, ऐसा नहीं है कि सिर्फ खराब खबरें ही आ रही हैं। जाहिर है कि इस वायरस ने बहुत ही ज्यादा तबाही मचा रखी है। अलबत्ता, इसकी कोई दवा तो नहीं है, लेकिन फिर भी न तो ये बीमारी ला-इलाज है और इससे स्वस्थ होने वालों की तादाद मृतकों की तुलना में कहीं ज्यादा है। आइए दुनिया भर से कोरोना को लेकर आ रही है निगेटिव खबरों के बीच हम उन 5 अच्छी खबरों पर बात करते हैं, जो सुकून भरी हैं और उनके बारे में जानकर आपको अच्छा भी लगेगा।
केरल में बेहद बुजुर्ग दंपति ने कोरोना को हराया
केरल के पत्तनंतिट्टा जिले में 93 साल के एक बुजुर्ग थॉमस अब्राहम और उनकी 88 साल की पत्नी मरियम्मा कोरोना से जंग जीतने में सफल रहे हैं। वो दोनों हफ्तों तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद स्वस्थ होकर घर लौट आए हैं। ये बुजुर्ग दंपति अपने बेटे, बहू और पोते से संक्रमित हुए थे, जो पिछले महीने ही इटली से भारत लौटकर आए थे। इनके परिवार वाले इस चमत्कार की वजह उनके सेहतमंद जीवन शैली को बताते हैं, जो बिना जिम गए आज भी पूरी तरह से तंदरुस्त हैं। ये दंपति अकेले नहीं हैं। अब तक दुनिया के जिन 183 देशों को कोरोना ने अपनी चपेट में लिया है, वह बुधवार तक का आंकड़ा कहता है कि करीब साढ़े सात लाख लोगों में से एक लाख साठ हजार से ज्यादा लोग इस गंभीर बीमारी से ठीक हो गए हैं। भारत में भी मृतकों और ठीक होने वालों में काफी अंतर है।
इटली का 'वंडरफुल फेस ऑफ होप'
इटली में 6 महीने के एक मासूम को कोरोना हो गया था। वह 50 दिनों तक अस्पताल में जीने की जद्दोजहद करता रहा। डॉक्टर निराश होने लगे थे। उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा था। लेकिन, 50 दिन आते-आते लियानार्दो का मासूम शरीर इलाज को रेस्पॉन्स करने लगा। वह बच गया, जिसकी डॉक्टरों ने भी उम्मीद छोड़ दी थी। इटली में कोरोना से जंग लड़ रहे डॉक्टर उसे अब 'वंडरफुल फेस ऑफ होप' कहकर बुलाते हैं। क्योंकि, इटली अपने इतिहास का शायद सबसे बड़ी तबाही देख रहा है। उस बच्चे को 'मिरेकल बेबी' कहकर भी बुलाया जा रहा है।
102 साल की महिला ने जीती जिंदगी की दूसरी जंग
इस वक्त कोरोना वायरस के कहर से सबसे ज्यादा इटली कराह रहा है। छोटे से देश में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या 1 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है। उसने कोरोना से हुई मौतों में दुनिया को सभी देशों को पीछे छोड़ दिया है, जहां 11,500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन, उत्तरी इटली के जेनोआ शहर में 102 साल की महिला 22 दिन से ज्यादा अस्पताल में रहकर घर लौट आई है। 1917 में जन्मी इटालिका ग्रॉन्डोना एक शताब्दी पहले एक और भयंकर बीमारी स्पैनिश फ्लू की चपेट में आई थी, लेकिन वो तब भी उसे मात देने में कामयाब रही थीं। एक आंकड़े के मुताबिक स्पैनिश फ्लू ने उस समय दुनिया भर में करीब 5 करोड़ लोगों की जान ले ली थी।
इटली में 101 साल का बुजुर्ग हुआ स्वस्थ
आज की तारीख में इटली का नाम लेते ही दिल बैठने लगता है। लेकिन, वहां अस्तपताल से निकलने वाले हजारों ताबूतों के बीच ही एक से एक हौसला बुलंद करने वाली कहानियां भी सामने आ रही हैं। वहां 102 साल की दादी इटालिका ग्रॉन्डोना की तरह ही उनसे कुछ छोटे 101 साल के एक और बुजुर्ग ने भी कोरोना को हराने में कामयाबी पाई है। ये दोनों कोरोना से जीतने वाले दुनिया के सबसे उम्रदराज लोगों में गिने जा रहे हैं। इटली की मीडिया ने कोरोना को मात देने वाले उस बुजुर्ग का नाम मिस्टर पी दिया है जो 1919 में जन्मे थे। जब उनके बचने की खबर आई तो भारतीय क्रिकेटर आर अश्विन ने भी बहुत खुशी जताई और ट्विटर पर लिखा, 'मुश्किल हालात में निकल कर आना इंसानी नस्ल के लिए बड़ी उम्मीद।'
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मुंबई में मरीज का 12 लाख का बिल कंपनी ने चुकाया
इधर भारत से ही कोरोना संकट के बीच एक बहुत ही उम्मीद भरी खबर आई है। पेशे से सर्जन संजय नागराल ने दावा किया है कि मुंबई के एक निजी अस्पताल में एक मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया था और अब उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है। उन्होंने उसके और उसके लिए सबसे बड़ी राहत की खबर ये दी है कि अस्पताल का उसका 12 लाख रुपये का बिल उसकी कंपनी ने चुकाया है। पीएम मोदी ने इस संकट के समय सभी कंपनियों से अपने कर्मचारियों का ख्याल रखने को कहा था और ये खबर उस सिलसिले में बहुत ही उत्साह बढ़ाने वाली खबर है।
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