VIP नंबर के लिए गजब की दिवानगी, इतने लाख में गाड़ी के लिए खरीदा 0001 नंबर
Ghaziabad Hindi News: एक कहावत है कि "शौक बड़ी जीत है"। देश में आपको तमाम लोग ऐसे भी मिल जाएंगे, जो अपनी शौक को पूरा करने के लिए लाखों रुपये खर्च कर देते हैं। मोबाइल का VIP नंबर हो या फिर गाड़ियों का, शौकीन लोग इस मामले में आंख बंद करके पैसा बहा देते हैं। कुछ ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद से सामने आया है, जहां एक शख्स ने VIP नंबर प्लेट के लिए लाखों रुपये खर्च कर दिए।
क्या है गाड़ी का नंबर?
दरअसल गाजियाबाद परिवहन विभाग ने EU सीरीज ने नंबर प्लेटों का आवंटन शुरू किया। इसके लिए सबसे पहला VIP नंबर 0001 था। नीलामी में कई लोगों ने भाग लिया, लेकिन सबसे ज्यादा बोली हरिशंकर यादव नाम के शख्स ने लगाई। उनके आगे बाकी लोग टिक नहीं पाए, जिस वजह से उनके नाम UP-14-EU-0001 नंबर एलॉट कर दिया गया। जैसे ही वो भुगतान करेंगे, विभाग उनको नंबर प्लेट जारी कर देगा। इससे पहले की सीरीज के वीआईपी नंबर सिर्फ दो लाख रुपये तक ही बिक पाए थे। ऐसे में इस बोली ने पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
कितने में बिका 0007 नंबर?
इसके बाद बोली शुरू हुई जेम्स बॉन्ड के नंबर यानी 0007 की। जिसमें भी कई लोगों ने हिस्सा लिया, लेकिन शालिनी त्यागी ने 1.10 लाख रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाकर इसे अपने नाम कर लिया। भुगतान के बाद उनको UP-14-EU-0007 नंबर प्लेट दे दी जाएगी। ये इस सीरीज की दूसरी सबसे बड़ी बोली थी। गाजियाबाद RTO में इस बार वीआईपी नंबर के लिए करीब 100 लोगों ने आवेदन किया था। नीलामी प्रक्रिया में अलग-अलग बोली पर अलग-अलग नंबर प्लेटों का आवंटन किया गया।
पहले कैसे थी प्रक्रिया?
वैसे परिवाहन विभाग में पहले भ्रष्टाचार ज्यादा होता था, जहां ऊंची पहुंच वाले लोग जुगाड़ से वीआईपी नंबर हासिल कर लेते थे। इससे सरकार को राजस्व का घाटा होता था। इस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए यूपी के सभी जिलों में वीआईपी नंबर प्लेटों का आवंटन नीलामी प्रक्रिया के जरिए किया जाने लगा। अब खुली बोली लगाई जाती है, जो सबसे ज्यादा पैसे देता है वो अपना मनचाहा नंबर पाता है। इस प्रक्रिया में ना तो अब जुगाड़ चलता है और ना ही घूस।
गुजरात में लगी थी तगड़ी बोली
नवंबर में गुजरात के आशिक पटेल ने एक नई टोयोटा फॉर्च्यूनर खरीदी थी। आशिक जेम्स बांड के बहुत बड़े फैन हैं, वो चाहते थे कि उन्हें 007 नंबर मिले। इस नंबर के कई और भी दावेदार थे लेकिन आशिक ने सभी को पीछे छोड़ दिया और 34 लाख रुपये में नंबर अपने नाम कर लिया। खास बात तो ये है कि उनकी गाड़ी की कीमत, नंबर की कीमत से बस थोड़ी ही ज्यादा यानी 39.5 लाख रुपये थी। अब तक अहमदाबाद आरटीओ में इतनी बड़ी बोली किसी भी नंबर के लिए नहीं लगी है।
(तस्वीरें- प्रतीकात्मक)