इंडियन नेवी कमांडर अभिलाष टोमी के रेस्क्यू की पांच कहानियां, जानिए समंदर के बीच कैसे बची उनकी जान
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नई दिल्ली। गोल्डन ग्लोब रेस में हिस्सा लेने के दौरान दक्षिणी हिंद महासागर के आसपास बीच रास्ते में तूफान के चलते घायल हुए भारतीय नाविक कमांडर अभिलाष टोमी को सोमवार को बचा लिया गया। कमांडर टोमी के रेस्क्यू की कहानी किसी एडवेंचर या साइंस फिक्शन फिल्म से कम नहीं है। टोमी के रेस्क्यू में एक, दो नहीं बल्कि पूरे चार देश लगे हुए थे। चार दिनों तक टोमी, विशाल समंदर और इसकी खतरनाक लहरों के बीच जिंदगी तलाशने की कोशिश कर रहे थे। आखिरकार उन्हें बचाया गया और अब वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं। टोमी का रेस्क्यू इतना आसान नहीं था क्योंकि वह जिस जगह पर फंसे थे वह एकदम सूनसान था और सिर्फ कुछ ही जहाजों का आवागमन उस हिस्से से होता था।
21 सितंबर को हुआ हादसा
39 वर्षीय कमांडर टोमी उस समय बुरी तरह जख्मी हो गए थे जब दो मास्ट वाली उनका याट थूरिया तूफान में फंस गया था। थूरिया कन्याकुमार से 5,000 किलोमीटर दूर और ऑस्ट्रेलिया के पर्थ से 3,000 किलोमीटर दूर दक्षिण में फंस गया था। यह हिस्सा हिंद महासागर के दक्षिण में पड़ता है और दुनिया का सूनसान हिस्सा माना जाता है। तूफान की वजह से उनका याट पूरा घूम गया और फिर उसके मास्ट हट गए। 10 मीटर लंबी नाव थूरिया को गोवा में तैयार किया गया था। टोमी को पीठ में गंभीर चोट आई थी और वह हिल-डुल भी नहीं पा रहे थे। टोमी के रेस्क्यू में फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस और भारत चार देश शामिल थे।
टोमी के मैसेज के बाद कोड रेड अलर्ट
21 सितंबर को जैसे ही टोमी के घायल होने की खबरें आईं आस्ट्रेलियन मैरिटाइम सेफ्टी अथॉरिटी (एएमएसए) अलर्ट हो गई। कमांडर टोमी की ओर से मैसेज भेजा गया, 'रोल्ड, डिस्मास्टेट। पीठ में गंभीर चोट। उठ भी नहीं सकता हूं।' टोमी के मैसेज के बाद ऑस्ट्रेलिया ने उनकी सर्च के लिए कोड रेड अलर्ट जारी कर किया। ऑस्ट्रेलिया की सेनाओं की ओर से उस समय कहा गया कि कमांडर टोमी को बचाने में कुछ दिनों का समय लग सकता है। टोमी उनके ट्विटर हैंडल की तरफ से ट्वीट किया गया है कि उनकी पीठ में गंभीर चोट है लेकिन वह अपने जहाज में ही हैं और सुरक्षित हैं। इंडियन नेवी की ओर से भी कहा गया कि वह टोमी को बचाने के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास जारी रखे हैं।
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ऑस्ट्रेलिया का सर्विलांस एयरक्राफ्ट पहुंचा थूरिया तक
कमांडर टोमी की तरफ से ईपीआईआरबी एक्टिवेट किया गया और फिर उन तक मदद पहुंचाने की कोशिशें तेज हो गईं। ईपीआईआरबी यानी इमरजेंसी पोजिशन इंडीकेटिंग रेडिया बेकन। इस डिवाइस का प्रयोग मुश्किल में फंसे जहाज के लिए अलर्ट सर्च एंड रेस्क्यू के लिए होता है। ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स का पी-8ए पोसायडॉन सर्विलांस एयरक्राफ्ट टोमी की सर्च में लगाया गया है। ऑस्ट्रेलिया की रॉयल एयरफोर्स के पी8 ओरॉयन एयरक्राफ्ट और इंडियन नेवी के एयरक्राफ्ट पी-8i को सर्विलांस के लिए लगाया गया। इसके अलावा एक 'ऑल शिप्स' अलर्ट भी जारी किया गया। फ्रांस के जहाज आसायरिस को आखिर में कमांडर टोमी की सही लोकेशन का पता लग पाया और फिर उन्हें बीच समंदर से निकाला गया।
भारत से रवाना आईएनएस सतपुड़ा
इंडियन नेवी की ओर से दी आईएनएस सतपुड़ा को रवाना किया गया। आईएनएस सतपुड़ा पर सवार सभी अधिकारी बराबर कैनबरा स्थित ऑस्ट्रेलियन रेस्क्यू को-ऑर्डिनेशन सेंटर रेस्क्यू मिशन के साथ संपर्क में थे। ऑस्ट्रेलियन डिफेंस डिपार्टमेंट भी इसका हिस्सा था। ऑस्ट्रेलिया के रीजनल मैरीटाइम रेस्क्यू को-ऑर्डिनेशन सेंटर (एमआरसीसी) के साथ मिलकर इंडियन नेवी ने रेस्क्यू मिशन पर नजर रखी। आईएनएस सतपुड़ा के अलावा एक चेतक हेलीकॉप्टर और टैंकर आईएनएन ज्योति भी जो हिंद महासागर में हैं उन्हें मिशन के लिए रवाना किया गया। आईएनएस सतपुड़ा एम्सटर्डम से कमांडर टोमी को पिक करेगी और इस हफ्ते तक उन्हें पिक किए जाने की संभावना है।ऑस्ट्रेलियन रेस्क्यू को-ऑर्डिनेशन सेंटर की तरफ से ही इस बात की जानकारी दी गई कि कमांडर टोमी सुरक्षित हैं और बात कर रहे हैं। फ्रांस के जहाज ओसायरिश ने कमांडर टोमी को फर्स्ट एड दी और उन्हें लिफ्ट किया।
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क्या है ग्लोडन ग्लोब रेस
ग्लोडन ग्लोडन ग्लोब रेस में दुनिया से 18 नाविक हिस्सा ले रहे हैं। कमांडर टोमी भारत में बने जहाज थुरिया पर सवार थे। इस जहाज को सर रॉबिन नॉक्स जॉनस्टन के जहां सुहैल की प्रतिकृति माना जा है। 50 वर्ष पहले सुहैल ने ग्लोडन ग्लोब रेस जीती थी। सुहैल को मुंबई में तैयार किया गया था। कमांडर टोमी भारत के पहले ऐसे नाविक हैं जिन्होंने साल 2013 में बिना रुके बिना किसी मदद के पूरी दुनिया की यात्रा की है। कीर्ति चक्र विजेता कमांडर टोमी अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में भी काफी मशहूर हैं। उन्हें तेंजिंग नोरगे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड भी दिया जा चुका है।