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जानें आज के दिन कितने घंटे तैर कर तैराक मिहिर सेन ने पार की थी पनामा नहर

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बेंगलुर। आज से ठीक 49 साल पहले 31 अक्टूबर को जाने माने भारतीय तैराक मिहिर सेन ने पनामा नहर पार की थी। उन्होंने 29 अक्टूबर को तैरना शुरू किया था और 31 अक्टूबर तक 34 घंटे 15 मिनट तैरकर पनामा नहर को पार कर लिया था। बता दें वर्ष 1966 में तैराक मिहिर सेन ने पनामा नहर की एक छोर से दूसरे छोर तक 77 किलोमीटर की दूरी तैरकर पार की थी। मिहिर सेन भारत की ओर से इंग्लिश चैनल पार करने वाले भी पहले व्यक्ति थे। मिहिर सेन की साहसिक और बेजोड़ उपलब्धियों के कारण भारत सरकार की ओर से 1959 में उन्हें 'पद्मश्री' प्रदान किया गया और 1967 में उन्हें 'पद्मभूषण' प्रदान किया गया। इसी वर्ष उन्हें दुनिया के सात समंदरों में साहसपूर्ण उपलब्धियां अर्जित करने के लिए बिल्टिज नेहरू ट्रॉफी भी दी गई थी।

नौवें प्रयास में इंग्लिश चैनल को किया था पार

नौवें प्रयास में इंग्लिश चैनल को किया था पार

बता दें मिहिर सेन ने 1955 में इंग्लिश चैनल पार करने का पहला प्रयास किया था। चार साल में आठ बार प्रयास किया, जिसमें वे असफल रहे। सितंबर 1958 को मिहिर ने नौवें प्रयास में इंग्लिश चैनल पार किया था। भारत के ही नहीं बल्कि एशिया के पहले ऐसे तैराक थे, जिन्होंने इंग्लिश चैनल तैरकर पार किया। यही नहीं उन्होंने ‘साल्ट वाटर' तैराकी में 5 महत्त्वपूर्ण रिकॉर्ड बनाए थे। मिहिर कलकत्ता हाईकोर्ट में वकील थे, लेकिन उन्हें लोग एक रिकॉर्डधारी तैराक के रूप में जानते हैं।

मिहिर सेन का जन्म 16 नवम्बर, 1930 को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया स्थान पर हुआ था। इनके पिता डॉ. रमेश सेन गुप्ता कटक में फिजीशियन थे और माता का नाम लीलावती था। उनकी माता के प्रयासों के कारण ही वे आठ वर्ष की अवस्था में कटक के बेहतर स्कूल में पढ़ पाए थे। मिहिर ने कानून से स्नातक की डिग्री ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित उत्कल विश्वविद्यालय से प्राप्त की। वह वकालत के लिए इंग्लैंड जाना चाहते थे, लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। राज्य सरकार के सहयोग से वह इंग्लैंड जाकर आगे की पढ़ाई करने गए।

मिहिर सेन कलकत्ता हाईकोर्ट में बैरिस्टर थे, लेकिन उन्हें रिकॉर्ड बनाने वाले तैराक के रूप में जाना जाता है। मिहिर सेन अपनी वकालत की तैयारी के लिए इंग्लैंड गए थे, परंतु वहाँ वह इंग्लिश चैनल की तैराकी के प्रति आकृष्ट हो गए। शुरू में उन्होंने इंग्लिश चैनल तैरकर पार करने के कुछ असफल प्रयास भी किए। लेकिन 27 सितम्बर, 1958 को वह इंग्लिश चैनल तैरकर पार करने में सफल रहे। उन्होंने इंग्लिश चैनल को पार करने में 14 घंटे 45 मिनट का समय लिया। उन्होंने यह तैराकी डोवर से कैलाइस तक की। इस प्रकार उन्होंने अपनी हिम्मत व तैराकी के द्वारा अन्य भारतीय तैराकों के लिए लम्बी दूरी की तैराकी में अधिक निपुणता प्राप्त करने के नए रास्ते खोल दिए।

तैराकी के कीर्तिमान

तैराकी के कीर्तिमान

मिहिर सेन का अगला साहसिक कारनामा श्रीलंका के तलाईमन्नार से भारत के धनुष्कोटी तक तैराकी का था, जो उन्होंने 6 अप्रैल, 1966 को आरम्भ कर 25 घंटे 44 मिनट में पूरा किया। यह पाल्क स्ट्रेट अनेक जहरीले साँपों तथा शार्क से भरपूर थी। उनके इस साहसिक कार्य को भारतीय नौसेना द्वारा सहायता प्रदान की गई। इसके पश्चात्‌ मिहिर सेन ने 24 अगस्त, 1966 को 8 घंटे 1 मिनट में जिब्राल्टर डार-ई-डेनियल को पार किया, जो स्पेन और मोरक्को के बीच है। जिब्राल्टर को तैर कर पार करने वाले मिहिर सेन प्रथम एशियाई थे। ऐसा लगता था कि उन्होंने सभी सात समुद्रों को तैर कर पार करने की जिद ठान ली हो और वास्तव में उन्होंने अनेक समुद्र पार करके 1966 में 5 नए कीर्तिमान स्थापित किए।

सात समुद्र पार करने वाले विश्व के प्रथम व्यक्ति

सात समुद्र पार करने वाले विश्व के प्रथम व्यक्ति

12 सितंबर, 1966 को उन्होंने डारडेनेल्स को तैरकर पार किया। डारडेनेल्स को पार करने वाले वह विश्व के प्रथम व्यक्ति थे। उसके केवल नौ दिन पश्चात् यानी [21 सितम्बर]] को वास्फोरस को तैरकर पार किया। 29 अक्टूबर, 1966 को उन्होंने पनामा कैनाल को लम्बाई में तैरकर पार करना शुरू किया। लम्बाई में पार करने के कारण यह दूरी उन्होंने दो स्टेज में पार की। 29 अक्टूबर को शुरू करके पनामा की तैराकी उन्होंने 31 अक्टूबर, 1966 को समाप्त की। इस पनामा कैनाल को पार करने के लिए उन्होंने 34 घंटे 15 मिनट तक तैराकी की। मिहिर सेन ने कुल मिलाकर 600 किलोमीटर की समुद्री तैराकी की। उन्होंने एक ही कलेण्डर वर्ष में 6 मील लम्बी दूरी की तैराकी करके नया कीर्तिमान स्थापित किया। पाँच महाद्वीपों के सातों समुद्रों को तैरकर पार करने वाले मिहिर सेन विश्व के प्रथम व्यक्ति थे।

अंतिम दिनों में मिहिर ने खो दी याददाश्‍त

अंतिम दिनों में मिहिर ने खो दी याददाश्‍त

मिहिर सेन एक अतुलनीय तैराक थे, जिन्होंने अपनी हिम्मत और मेहनत के दम पर इतनी बड़ी तैराकी का जोखिम उठाया था। वह ‘एक्सप्लोरर्स क्लब ऑफ इंडिया' के अध्यक्ष थे।अपने जीवन के अंतिम दिनों में उन्होंने अपनी याददाश्त खो दी थी और कष्टपूर्ण जीवन व्यतीत किया। 11 जून, 1997 को मिहिर सेन का कोलकाता में 67 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

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English summary
49 years ago, On October 31,Mihir Sen crossed the Panama Canal and built 34 hours 15 minutes. With this, Mihir Sen became the first person in the world to swim across the seven seas of five continents.
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