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आतंकियों के चंगुल से छूट कर स्वदेश लौटीं 46 भारतीय नर्सें

By Ajay Mohan
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Air India
तिरुवनंतपुरम। पंद्रह दिन पहले जब केरल के एक बुजुर्ग पिता के पास तिरकित से नर्स बेटी का फोन आया और उसने यह ताया कि उसे हथियारबंद आतंकवादियों ने जबरन एक बस में बिठा दिया है तो वह कांप गए। घर में रोना पिटना मच गया। परिजनों के आंसू मानो रुक ही नहीं रहे थे। आज उसी पिता की आंखों में फिर से आंसू हैं, लेकिन इस बार आंसू खुशी के हैं, क्योंकि उनकी बेटी इराक से मुंबई पहुंच चुकी है।

जी हां इराक से आतंकियों के चंगुल से रिहा हुईं सभी 46 नर्सों व 137 अन्य भारतीय एयरइंडिया के विमान से भारत लौट आये हैं। यह विमान सुबह 8:40 बजे मुंबई पहुंचा अब यहां से यही विशेष विमान तिरुवनंतपुरम जायेगा।

15 दिन तक बेटी की कोई खोज खबर नहीं मिलने पर 70 वर्षीय जोसा ने सारी आस खो दी। उनका मानों परमात्मा पर से विश्वास ही उठ गया था, लेकिन शुक्रवार को जब यह खबर आयी कि तिरकित में उनकी बेटी समेत सभी 46 नर्सों को आतंकियों ने रिहा कर दिया है, तो परमात्मा के प्रति उनका विश्वास और बढ़ गया।

इराक में सुन्नी आतंकवादियों के खौफ के साए से मुक्त होने वाली नर्सो में से एक के पिता इस खबर के बाद शुक्रवार को अत्यंत खुश हुए कि सभी नर्से सकुशल स्वदेश लौट रही हैं। इससे एक दिन पहले उनका भगवान पर से भरोसा उठ चला था।

कोट्टयम में रहने वाले जोस ने कहा, "कल (गुरुवार को) दोपहर के आसपास जब उसका फोन आया तब तक मैं शांत था। लेकिन जब उसने कहा कि उन्हें हथियारबंद लोग कहीं ले जा रहे हैं तो पहली बार मेरा विश्वास जीसस पर से उठ गया। मैं गहरी चिंता से घिर गया। मैंने महसूस किया जितना भाग्य उतार-चढ़ाव से भरा होता है, उससे कहीं ज्यादा विश्वास डगमगाता है।"

जोस ने कहा, "लेकिन आज जब मुझे उसका फोन मिला जिसमें उसने यह बताया कि उन्हें मुक्त किया जा रहा है तब मेरी आंखें बरस पड़ी और इस परीक्षा की घड़ी में ईश्वर पर से भरोसा उठने के लिए शर्मिदा महसूस किया।"

मरीना सऊदी अरब और मलेशिया में काम कर चुकी है। करीब 11 महीने पहले वह अपने नए अनुबंध पर इराक गई थी। मरीना के पति कतर में काम करते हैं जबकि उसके दो बच्चे एक लड़का (कक्षा 3) और एक लड़की (कक्षा 5) हैं जिनकी देखभाल जोस और उनकी पत्नी करती हैं।

एयर इंडिया के विमान में लायी जायेंगी नर्सें

इराक के तिकरित शहर में फंसी केरल की 46 नर्सें कूटनीतिक प्रयासों के बाद शुक्रवार को आतंकवादियों के चंगुल से मुक्त हो गईं। शनिवार को सभी नर्सें अपने घर लौट रही हैं।

शुक्रवार सुबह अचानक बदले घटनाक्रम में आतंकवादियों ने सुबह का जलपान देने के बाद नर्सो को केरल स्थित अपने परिवार से फोन पर बात करने की इजाजत दे दी और इसी से नर्सो को रिहा होने का संकेत मिला। आतंकवादियों ने उनसे कहा कि वे इर्बिल के लिए रवाना होना होगा। इर्बिल कुर्दिस्तान की राजधानी है।

केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने जानकारी दी कि नर्से सड़क मार्ग से वापसी के रास्ते पर हैं। वे शनिवार की सुबह कोचीन हवाईअड्डे पर नर्सों की आगवानी करेंगे।

केरल के मुख्यमंत्री चांडी कहा, "विमान में केंद्र व केरल सरकार के एक-एक अधिकारी मौजूद रहेंगे। नर्से इर्बिल में विमान पर सवार होंगी और विमान शनिवार सुबह सात बजे कोच्चि पहुंच जाएगा।"

यह नाटकीय बदलाव हथियार बंद आतंकवादियों द्वारा नर्सो को तिकरित स्थित अपने अस्पताल को छोड़ने के लिए विवश किए जाने के 24 घंटे बाद आया। तिकरित पर आतंकवादियों का कब्जा होने के बाद नर्से वहां एक भवन में फंसी हुई थीं। आतंकवादी उन्हें एक बस में बिठाकर मोसुल ले आए थे। मोसुल आतंकवादियों का गढ़ है।

चांडी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से सुबह मुलाकात करने के बाद नर्सो की सुरक्षित वापसी की उम्मीद जाहिर की थी। चांडी ने कहा, "सुषमा स्वराज के नेतृत्व में उच्चस्तरीय जोखिम प्रबंधन समूह का गठन किया गया है। यह नर्सो की सुरक्षित वापसी की दिशा में काम करेगा।"

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English summary
An Air India aircraft, Boeing 770, is likely to fly to Erbil to bring back the nurses and two high-level Indian officials. इराक के तिकरित शहर में फंसी
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