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राजनेताओं के खिलाफ लंबित हैं 4242 मामले, 174 मामलों में तो उम्रकैद तक की सजा हो सकती है

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को देश के पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की आंकड़ों पर नाराजगी जताई है। देश के कुल 24 हाईकोर्ट में राजनेताओं पर लंबित आंकड़ों लंबित 4242 मामले में से 174 राजनेताओं पर ऐसे आपराधिक धाराओं में केस दर्ज हैं कि उन्हें आजीवन कारावास की सजा तक हो सकती है। कोर्ट ने कहा कि 36 साल से भी ज्यादा समय से मामले लंबित हैं। इनमें पूर्व और मौजूदा दोनों राजनेता शामिल हैं।

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Supreme Court ने जताई नाराजगी, MPs, MLAs के खिलाफ 4242 Criminal Cases Pending | वनइंडिया हिंदी
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अभियोग चलाने वालों के कारण मामले प्रारंभिक अवस्था में ही लंबित हैंः SC

अभियोग चलाने वालों के कारण मामले प्रारंभिक अवस्था में ही लंबित हैंः SC

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक नेताओं के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों पर दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। जस्टिस एनवी रमाना, सूर्यकांत और हृषकेश रॉ की तीन जजों के बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि राजनेताओं पर दर्ज लंबित आंकड़ों को चौंकाने वाला बताते हुए कहा कि अभियोग चलाने वालों के कारण मामले प्रारंभिक अवस्था में ही लंबित हैं। सुनवाई इसको लेकर थी कि क्या ऐसे मामलों के सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट बनाई जाए, जिस पर कोर्ट अगली सुनवाई में फैसला सुनाएगी।

याचिका अधिवक्ता और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी

याचिका अधिवक्ता और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी

गौरतलब है उक्त याचिका अधिवक्ता और भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर की थी, जिन्होंने दोषी नेताओं से चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। हालांकि वर्तमान में ऐसे राजनेता छह साल के लिए प्रतिबंधित हैं। न्यायाधीशों ने कहा कि 352 मामलों में मुकदमे या तो उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक दिए गए हैं। बंगाल और पंजाब में कुछ लंबित मामले 1981 और 1983 के हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश और बिहार में 1991 की तारीख समान है।

24 हाईकोर्ट के मौजूदा MP-MLA के खिलाफ लंबित केस का ब्योरा मांगा

24 हाईकोर्ट के मौजूदा MP-MLA के खिलाफ लंबित केस का ब्योरा मांगा

इस याचिका पर सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने देश के 24 उच्च न्यायालयों के मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ सभी लंबित आपराधिक मामलों का ब्योरा मांगा था। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालयों से सफेदपोश अपराधों के बारे में भी जानकारी मांगी है, जो अभी तक उपलब्ध नहीं हैं। इसमें लंबित भ्रष्टाचार के मामले, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले और सीमा शुल्क कानूनों के तहत मामले शामिल हैं।

जानकारी वकील विजय हंसारिया को दो दिन के भीतर दी जानी चाहिए: SC

जानकारी वकील विजय हंसारिया को दो दिन के भीतर दी जानी चाहिए: SC

तीन जजों की बैंच ने कहा कि मामले की जानकारी वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया को दो दिन के भीतर दी जानी चाहिए, जो मामले में अदालत की सहायता कर रहे हैं। एमिकस क्यूरिया वकील हंसारिया ने ही उच्च न्यायालयों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत किया था

हंसारिया ने प्रत्येक जिले में विशेष अदालत स्थापित करने का सुझाव दिया था

हंसारिया ने प्रत्येक जिले में विशेष अदालत स्थापित करने का सुझाव दिया था

वकील हंसारिया ने प्रत्येक जिले में पूर्व और मौजूदा विधायकों के खिलाफ मामलों विशेष अदालत स्थापित करने का सुझाव दिया था। इसके अलावा उन्होंने प्रत्येक जिले में लोक अभियोजकों की नियुक्ति, गवाह संरक्षण कार्यक्रम समेत अन्य मुद्दों से निपटने के लिए भी सुझाव दिया है।

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English summary
The Supreme Court on Thursday expressed displeasure over the data on pending criminal cases against former MPs and former MLAs of the country. Out of 4242 pending statistics on politicians in total 24 high courts of the country, 174 politicians have been booked in such criminal sections that they can be sentenced to life imprisonment. The court said that the cases have been pending for more than 36 years. These include both former and current politicians.
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