50 हजार करोड़ के घाटे में डूबी एयर इंडिया में विनिवेश कर सकती हैं ये चार विदेशी एयरलाइंस
नई दिल्लीः 50 हजार करोड़ के घाटे में डूबी सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया के एक बड़े हिस्से को बेचने की तैयारी चल रही है। मोदी सरकार एयर इंडिया के 76 फीसदी हिस्से को बेचने की योजना बना रही है। वहीं, बताया जा रहा है कि चार विदेशी एयरलाइन्स इसमें विनिवेश करने का मन बना रहे हैं। कहा जा रहा है कि ब्रिटिश एयरवेज, लुफ्थांसा और सिंगापुर एयरलाइंस समेत चार प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों ने एयरलाइंस में विनिवेश कर सकती है।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक इन चार एयरलाइंस के अलावा खाड़ी के एयरलाइन में एयरलाइंस में निवेश का मन बना रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, एयरलाइंस के मापदंडों को पूरा करने के लिए कुछ भारतीय व्यापारियों से बातचीत की है।
निवेश के लिए सरकार ने कुछ मापदंड तय किए हैं, जिनके मुताबिक विदेश एयरलाइंस कम से कम 51% की हिस्सेदारी ही रख सकता है। इस हिसाब से अगर कोई विदेशी निवेश करता है तो उसे भारतीय हिस्सेदार की जरुरत पड़ेगी। भारत सरकार द्वारा दिए कागजातों के अनुसार एयर इंडिया चार(एलायंस एयर- इसकी क्षेत्रीय शाखा, एयर इंडिया ट्रांसपोर्ट सर्विसेज, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज़ लिमिटेड, एयरलाइन के प्रमुख करोबार का 76% हिस्सा) चीजों की ही बिक्री के लिए पेश करेगा।
नाम न बताने की शर्त पर एक उद्योगपति ने कहा है कि चार एयरलाइंस हमारे साथ सपंर्क हैं। एक बड़ा भारतीय उद्योगघराना इंडियन एयरलाइंस को खरीदने का मन बना रहा है।
इंटरनेशनल एयरलाइंस ग्रुप (आईएजी) ने कहा है कि वो किसी भी आफवाह और अटकलों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। हम पहले ही साफ कर चुके हैं कि हमारी पहली प्राथमिकता विस्तारा को बढ़ाना है। (टाटा के साथ संयुक्त उद्यम ) हालांकि, हमारे सारे विकल्प खुले हैं।
बता दें, इससे पहले मंगलवार को जेट एयरवेज ने एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया में हिस्सा न लेने का फैसला किया। इससे पहले इंडिगो ने भी कर्ज में डूबी एयर इंडिया में निवेश के प्रस्ताव से हटने का फैसला किया था।
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