ट्रेन के जरिए असम से गुजरात भेजे जाएंगे 4 हाथी, जानिए वजह
गुवाहाटी: असम वन विभाग की ओर से रूपसिंह और रानी समेत चार हाथियों को अहमदाबाद भेजा जाएगा। इसके लिए उनको एक खतरनाक यात्रा से गुजरना होगा। हालांकि हालांकि, राज्य सरकार और देश के अन्य हिस्सों से वन्यजीव कार्यकर्ता सम सरकार द्वारा हाथी व्यापार पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना बना रहे हैं और गुजरात में जंबों के परिवहन की अनुमति की भी मांग कर रहे हैं।
3,100 किमी दूरी तय कर पहुंचेंगे अहमदाबाद
इन हाथियों को ऐसे समय में असम से ट्रेन के जरिए अहमदाबाद भेजा जाएगा जब नार्थ इंडिया में तापमान 40 डिग्री से भी उपर है। असम वन विभाग के योजनानुसार ये हाथी तिनसुकिया जिले से 3,100 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए अहमदाबाद ले पहुंचेंगे, इसकी अनुमित भी मिल गई है। हाथियों के भेजे जान को लेकर जारी आदेश पर मुख्य वन्यजीव वार्डन और प्रधान मुख्य संरक्षक (वन्यजीव) रंजना गुप्ता ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। ये हाथी गुजरात में जगन्नाथ मंदिर में वार्षिक रथ यात्रा उत्सव में हिस्सा लेंगे।
हाथियों को भेजने के लिए वैगन की तलाश कर रहे अधिकारी
बताया जा रहा है कि तिनसुकिया में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के अधिकारी एक ऐसे वैगन की तलाश कर रहे हैं जिसमें इन हाथियों को आसानी से अहमदाबाद भेजा जा सके। हालांकि रेलवे की जिम्मेदारी केवल हाथियों के ट्रांसपोर्टिंग की जिम्मेदारी लेगा उसके बाद की जिम्मेदारी असम वन विभाग की होगी। लेकिन दिक्कत इस बात की है आखिरा वैगन में हाथियों को ले कैसे जाया जाएगा।
रफ्तार से दौड़ने वाली ट्रेन में हाथियों को हो सकती है दिक्कत
राज्य के वन विभाग के सूत्रों ने कहा कि कोई विशेष वन्यजीव पशु चिकित्सक हाथियों के साथ जाने के लिए तैयार नहीं है और अधिकारी अहमदाबाद जाने के लिए स्थानीय पशु चिकित्सक को लेने की कोशिश कर रहे थे। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वन अधिकारी जब किसी यात्री ट्रेन में हाथियों को ले जाने पर जोर दे रहे थे, तब रेलवे अधिकारियों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली ट्रेने जंबो को ले जाने के लिए ठीक नहीं होंगी क्योंकि स्पीड और मोड़ की वजह से हाथियों को दिक्कत का सामान करना पड़ सकता है। हालांकि इसके अलावा हाथियों के ट्रांसपोरेशन में और भी कई तरह की दिक्कते सामने आ रही है। इसमें वन्य जीव संरक्षण कानून भी है।
9 दिन के मासूम की जान बचाने के लिए इस सिपाही ने दिया अपना खून, महकमा कर रहा सलाम