छत्तीसगढ़ उपचुनाव: मरवाही सीट पर 1 ही पार्टी से पूर्व CM के बेटे-बहू समेत 4 उम्मीदवार, ये है वजह
रायपुर। छत्तीसगढ़ की एक सीट मरवाही विधानसभा (Marwahi Assembly) के लिए हो रहा उपचुनाव रोचक होता जा रहा है। खास बात है कि यहां आखिरी दिन जिन 19 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा है उनमें चार उम्मीदवार एक ही पार्टी के हैं। ये पार्टी है पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी द्वारा स्थापित जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी)। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस से अजित जोगी के बेटे अमित जोगी और बहू ऋचा जोगी ने तो पर्चा भरा ही है उसके साथ ही दो अन्य उम्मीदवारों ने भी अपना पर्चा भरा है।
दरअसल मरवाही विधानसभा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है लेकिन यहां मुद्दा जनजातियों का विकास नहीं बल्कि प्रत्याशी की जाति ही है। राज्य बनने के बाद से ही जोगी परिवार का यहां कब्जा रहा है। पूर्व सीएम अजित जोगी कंवर जाति के प्रमाण पत्र पर यहां चुनाव लड़ते थे लेकिन उनकी जाति को लेकर विवाद उठा और मामला राज्य स्तरीय छानबीन समिति के पास पहुंचा। जांच के बाद समिति ने अजित जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया। पिता की जाति का निरस्त हुआ तो अमित जोगी के प्रमाण पत्र पर भी विवाद उठा। अमित जोगी पर हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगा जिसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
ऋचा
जोगी
के
चुनाव
पर
खतरा
यही
वजह
है
कि
अमित
जोगी
ने
पिता
के
निधन
से
खाली
हुई
सीट
पर
चुनाव
के
लिए
ऋचा
जोगी
को
लड़ाने
की
तैयारी
भी
कर
ली।
ऋचा
जोगी
ने
मुंगेली
जिले
से
अपना
अनुसूचित
जनजाति
का
प्रमाण
पत्र
बनवाया
जिस
पर
भी
आपत्ति
की
गई।
जांच
के
बाद
मुंगेली
जिला
जाति
सत्यापन
समिति
ने
निलंबित
कर
दिया।
पत्नी
के
प्रमाण
पत्र
पर
निलंबन
के
लिए
अमित
जोगी
ने
सीएम
भूपेश
बघेल
पर
निशाना
साधा।
जोगी
ने
आरोप
लगाया
कि
ये
उनके
परिवार
को
चुनाव
लड़ने
से
रोकने
की
सरकारी
कोशिश
है।
अमित जोगी के आरोप अपनी जगह हैं लेकिन जाति प्रमाण पत्र का मामला जब तक नहीं सुलझ जाता तब तक उम्मीदवारी पर खतरा बना रहेगा। अमित जोगी और पत्नी ऋचा जोगी ने नामांकन भर दिया है लेकिन जाति प्रमाण पत्र के चलते ये उम्मीदवारी निरस्त हो सकती है। यही वजह है कि अगर किसी तरह चुनाव लड़ने से रोक लगती है तो पार्टी ने दो अन्य उम्मीदवारों मूलचंद और पुष्पेश्वरी तंवर से भी नामांकन दाखिल करवाया है।
क्या
है
अजित
जोगी
की
बहू
की
जाति
का
मामला
?
अमित
जोगी
की
पत्नी
ऋचा
ने
ऋचा
रुपाली
साधू
पिता
प्रवीण
राज
साधू
निवासी
पेण्ड्रीडीह,
उप
तहसील
जरहागांव,
जिला
मुंगेल
के
नाम
पर
प्रमाण
पत्र
प्राप्त
किया
है।
इसमें
उन्हें
गोंड
जाति
का
बताया
गया
है।
आरोप
है
कि
प्रमाण
पत्र
गलत
है
और
बिना
जांच
किए
ही
दे
दिया
गया।
जानकारी
के
मुताबिक
ऋचा
ने
15
जुलाई
को
आवेदन
किया
था
और
17
जुलाई
को
एसडीएम
ने
उन्हें
प्रमाण
पत्र
दे
दिया।
कहा
जा
रहा
है
कि
ऋचा
रूपाली
ने
ईसाई
समुदाय
का
होने
के
बावजूद
आदिवासी
का
प्रमाण
पत्र
बनवाया
है।
ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ बीजेपी नेता संत कुमार नेताम ने 18 बिंदुओं पर शिकायत की थी। इनमें कहा गया था कि ऋचा के पिता के परिवार ने जो भी जमीनों की खरीद या बिक्री की है उसमें खुद को गैर आदिवासी बताया है। पढ़ाई के दौरान भी किसी सदस्य ने अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र नहीं पेश किया। ऋचा रस्तोगी पहले भी चुनाव लड़ चुकी हैं जिसमें उन्होंने 10 हजार सिक्योरिटी राशि जमा की थी। शिकायत में कहा गया है कि अनुसूचित जनजाति के लिए यह राशि 5 हजार रुपये ही है। परिवार के नाम आदिवासी के रूप में कोई भूमि भी नहीं है। इन बिंदुओं के साथ ऋचा की जाति को लेकर सवाल उठाते हुए प्रमाण पत्र रद्द करने की मांग की गई थी। इसी मामले में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से भी मिला था। बाद में जिला कलेक्टर ने जांच गठित की जिसके बाद प्रमाण पत्र निलंबित कर दिया गया है।