मणिपुर में बंद नेशनल हाइवे को खुलवाने के लिए केंद्र सरकार ने भेजे 4000 और पैरामिलिट्री जवान
नागा विद्रोहियों ने 1 नवंबर से ही राज्य में आर्थिक नाकेबंदी कर रखी है जिसके बाद दिन प्रति दिन हालात बदतर होते जा रहे हैं। इस नाकेबंदी की वजह से राज्य में रोजमर्रा की जरूरत के सामानों के दाम काफी बढ़ ग
नई दिल्ली। मणिपुर में नेशनल हाइवे का जाम खुलवाने के लिए केंद्र सरकार ने 4000 और पैरामिलिट्री जवानों को मणिपुर भेज दिया है। पिछले दो महीनों से नागा ग्रुप ने नेशनल हाइवे को जाम करके रखा हुआ है। इन 4000 पैरामिलिट्री जवानों के पहुंचने के बाद अब मणिपुर की कानून व्यवस्था बनाने रखने के लिए कुलद 17,500 जवान वहां मौजूद हैं। होम मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारी प्राथमिकता है कि जल्द से जल्द नेशनल हाइवे-2 को खोला जा सके। जबकि नेशनल हाइवे 37 खुला है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द इस नेशनल हाइवे को खोला जा सके, इस बावत प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले 1 नवंबर से ही यूनियन नागा काउसिंल ने नेशलन हाइवे को ब्लॉक कर रखा है और इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर पैरामिलिट्री फोर्स को वहां भेजा जा रहा है।
मणिपुर में इन दिनों स्थानीय लोग नागा विद्रोहियों के आर्थिक नाकेबंदी और सुरक्षा बलों पर आतंकी हमले का विरोध कर रहे हैं। रविवार को विरोध प्रदर्शन काफी हिंसक हो गया, जिसमें कम से 22 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था। मणिपुर में हो रही इस हिंसा को काबू में करने के लिए केन्द्र सरकार ने 4000 पैरामिलिट्री जवानों को मणिपुर भेजा था। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले दो दिनों में करीब 1500 पैरामिलिट्री जवान मणिपुर भेजे जा चुके थे इसके अलावा पिछले हफ्ते में भी करीब 2,500 पैरामिलिट्री जवानों को मणिपुर भेजा गया। आपको बता दें कि इन्हीं रास्तों के जरिए मणिपुर को रोजमर्रा की जरूरी चीजें मुहैया होती हैं। इंफाल के कुछ इलाकों में रविवार को कर्फ्यू भी लगा दिया गया था। यह कर्फ्यू तब लगाया गया जब भीड़ ने इंफाल-उखरुल रोड पर करीब 22 वाहनों को आग के हवाले कर दिया। नागा विद्रोहियों ने 1 नवंबर से ही राज्य में आर्थिक नाकेबंदी कर रखी है जिसके बाद दिन प्रति दिन हालात बदतर होते जा रहे हैं। इस नाकेबंदी की वजह से राज्य में रोजमर्रा की जरूरत के सामानों के दाम काफी बढ़ गए हैं। पिछले शनिवार को 70 के करीब नागा विद्रोहियों ने पुलिस चेकपोस्ट पर हमला किया था और वे दो जवानों को घायल कर 9 ऑटोमेटिक राइफल उठा ले गए थे। नागाओं के खिलाफ सिविल सोसायटी ग्रुप ने बंद का आयोजन किया था जिस दौरान बड़े पैमाने पर आगजनी हुई। ये भी पढ़ें: मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए सरकार ने 4000 पैरामिलिट्री जवान भेजे