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कोरोना संकट: बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित अभिभावक, डॉक्टरों से पूछे 350 फीसदी ज्यादा सवाल

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के चलते लॉकडाउन के दौरान टेलीमेडिसिन सर्विस सेंटर लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। अब लोग टेलीमेडिसिन सर्विस सेंटर के माध्यम से अपने घरों में बैठकर डॉक्टरों से इलाज करवा पा रहे हैं। इसके अलावा लोगों को घर पर ही दवाइयां भी पहुंचाई जा रही हैं। इसी के साथ ही टेलीमेडिसिन उन माता-पिता को जवाब देने का एक शानदार माध्यम है जो अपने बच्चों के व्यवहार, फीडिंग, टीकाकरण जैसे मामूली मुद्दों पर डॉक्टर्स से सलाह लेना चाहते हैं।

भारत दुनिया में सबसे ज्यादा बच्चों वाला देश

भारत दुनिया में सबसे ज्यादा बच्चों वाला देश

देश में हर साल करीब 2.8 करोड़ बच्चे पैदा होते हैं, साथ ही भारत दुनिया में सबसे ज्यादा 472 मिलियन बच्चों का देश भी है। जिस समय देश में कोरोना वायरस संकट के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है, उस समय टेलीमेडिसिन बच्चों को घर बैठे स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में मददगार साबित हो रहा है। इस से जुड़ा एक चौंकाने वाला आंकड़ा भी सामने आया है। दरअसल, लॉकडाउन के बीच टेलीमेडिसिन पर बच्चों की स्वास्थ्य जुड़े सवालों में 350 फीसदी का इजाफा हुआ है। ज्यादातर माता-पिता कोरोना वायरस के टीके में देरी को लेकर चिंतित हैं।

टेलीमेडिसिन बना मददगार

टेलीमेडिसिन बना मददगार

इस मुश्किल घड़ी में टेलीमेडिसिन न सिर्फ बच्चों के टीकाकरण और कोरोना वायरस के लक्षण से जुड़े सवाल का जवाब दे रहा है बल्कि नियमित जांच एहतियाती उपाय, निदान, और पहले से मौजूद चिकित्सा समस्याओं के उपचार से संबंधित सवालों के जवाब देकर बच्चों के माता-पिता की घर बैठे मदद की जा रही है। प्रैक्टो हेल्थ इनसाइट्स के अनुसार 1 मार्च के बाद से प्रैक्टो के ई-कॉन्सल्ट प्लेटफॉर्म पर बाल रोग से जुड़े ऑनलाइन प्रश्नों में 350 फीसदी की वृद्धि देखी गई है।

टीकाकरण को लेकर पूछे गए ज्यादा सवाल

टीकाकरण को लेकर पूछे गए ज्यादा सवाल

इनमें से मुख्य सवाल, बच्चों में खांसी और जुकाम, देरी से टीकाकरण का प्रभाव, बच्चों में बुखार और सिरदर्द और गर्मियों के दौरान दस्त की समस्या जुड़े सवाल पूछे गए हैं। बाल रोग से संबंधित अधिकांश प्रश्न बैंगलोर, हैदराबाद, दिल्ली-एनसीआर, चेन्नई और मुंबई से आए हैं। प्रेक्टो के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी स्ट्रैटिजी डॉ. अलेक्जेंडर कुरुविला ने बताया कि वर्तमान समय में देशबंदी और सोशल डिस्टेंसिग के दौरान ऐसे विकल्पों को चुनना जरूरी है जो घर बैठे मदद दे सकें। टेलीमेडिसिन प्रारंभिक जांच या अनुवर्ती परामर्श के लिए सबसे अच्छा तरीका है, विशेष रूप से बच्चों और शिशुओं के लिए क्योंकि इनमें छोटे से छोटा लक्षण भी माता-पिता के लिए बहुत बड़ी चिंता का कारण बन जाता है।

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English summary
350 Percent rise in pediatric queries with doctors concerns among Indian parents
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