भारत की पहली महिला इमाम बनीं जामिदा, पढ़ाई जुमे की नमाज
भारत की पहली महिला इमाम बनीं जामिदा, पढ़ाई जुमे की नमाज
नई दिल्ली। केरल की रहने वाली महिला इमाम जामिदा ने 26 जनवरी को जुमे की नमाज पढ़ाई। महिला के इमामत करने वाली वो भारत में पहली महिला बताई जा रही हैं। केरल के मल्लपुरम जिले की चेरुकोड़ स्थित सोसायटी की मस्जिद में उन्होंने शुक्रवार को नमाज पढ़ाई। 34 साल की जामिदा टीचर ने कहा कि उनके इस कदम को महिला सशक्तिकरण की तरह देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मर्द नहीं चाहते कि औरतें इमामत करें लेकिन वो ऐसा नहीं समझती कि औरत इमाम नहीं हो सकती।
कुरान और सुन्नत सोसायटी की महासचिव हैं जमीदा
जमीदा टीचर कुरान और सुन्नत सोसायटी की महासचिव हैं। जमीदा ने नमाज से पहले खुतबा पढ़ा और फिर कुरान एवं सुन्नत सोसायटी के मुख्यालय चेरूकोड में जुमे की नमाज अदा करवाई। उन्होंने ये भी कहा कि कुरान अगर मर्द और औरत में भेद नहीं करता तो फिर क्यों सिर्फ पुरुष ही नमाज पढ़ाएंगे, महिलाएं नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि जुमे की नमाज की इमामत मर्द ही कर सकता है।
बराबरी का संदेश देने के लिए की इमामत
जमीदा का कहना है कि हमारी किसी से कोई लड़ाई नहीं है। इस्लाम में जो मर्द और औरत को समान देखने का जो संदेश है, उसको लोगों के बीच पहुंचाने के लिए हमने ये कदम उठाया है। जमीदा का कहना है कि मल्लपुरम के बाहर भी वो जाएंगी और दूसरी मस्जिदों में भी इमामत करेंगी। उन्होंने कहा कि इस कदम की प्रगतिशील लोग खूब तारीफ कर रहे हैं।
कट्टरपंथियों की आंख में चुभती रही हैं जमीदा
जमीदा का कहना है कि एक ऐसा वर्ग भी है, जो उन्हें पसंद नहीं करता है और ये काफी पहले से रहा है। जमीदा ने कहा कि काफी समय से बच्चों को कुरान और हदीस पढ़ा रही हैं। उन्होंने बताया कि उनका पढ़ाना भी तिरुवनंतपुरम के लोगों को अच्छा नहीं लगा था और यहां जिस महल कमेटी में वो पढ़ाती थीं, वहां उन्हें पढ़ाने से रोक दिया गया था। जमीदा ने बताया कि इससे पहले त्रिवेंद्रम और कोचिकोड में भी उनको परेशान किया गया। जमीदा कहती हैं कि उन्होंने ना तो औरतों के हकों की बात को उठाना छोड़ा है और ना कभी छोडेंगी।
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