देश के 34 फीसदी परिवारों के पास बचा है सिर्फ एक हफ्ते की जरूरतों का सामान: सर्वे
लॉकडाउन एक हफ्ते और चला तो देश के 34 फीसदी परिवारों के पास नहीं बचेगा रोज की जरूरतों का सामान: सर्वे
नई दिल्ली। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमईआई) ने अपने एक सर्वे के आधार पर कहा है कि देश के एक बड़े हिस्से पर लॉकडाउन का बहुत बुरा असर पड़ा है। सीएमईआई ने कहा है कि और एक हफ्ते में देश के करीब 34 फीसदी यानी एक तिहाई परिवारों के पास रोजमर्रा की जरूरत के सामान खत्म हो चुके होंगे। वहीं सर्वे में ये भी सामने आया है कि अप्रैल में 2.7 करोड़ युवाओं की नौकरी गई है। ये आंकड़ा सिर्फ उनका है, जिनकी उम्र 20 से 30 साल के बीच है।
84 फीसदी परिवारों की आमदनी घटी
सीएमईआई ने मंगलवार को जारी किए अपने सर्वे में कहा है कि लॉकडाउन अगर एक हफ्ते और आगे बढ़ा तो भारतीय परिवारों में से एक तिहाई से अधिक के पास जीवन जीने के लिए जरूरी संसाधन खत्म हो जाएंगे। उनके पास एक हफ्ते के लिए जीवन जीने के जरूरी संसाधन बचे हैं. एक हफ्ते के बाद उनके पास कुछ भी नहीं बचा होगा।
स्टडी में कहा गया है कि लॉकडाउन के बाद भारत के 84 फीसदी से अधिक घरों में मासिक आमदनी में गिरावट दर्ज की गई है. देश में कामकाजी आबादी का 25 फीसदी इस समय बेरोजगारी की मार झेल रहा है।
बड़े वर्ग को तुरंत मदद की है जरूरत
सर्वे में कहा गया है कि देश के कम आय वर्ग के लोगों को जल्द से जल्द कैश ट्रांसफर की जरूरत है। अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया तो कुपोषण और गरीबी की वजह से होने वाली अन्य दिक्कतों में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है।
सर्वे के मुताबिक, भारत के शहरी इलाकों में 65 फीसदी परिवारों के पास 1 हफ्ते से अधिक के लिए जीने के संसाधन बचे हैं, जबकि ग्रामीण घरों में 54 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके पास बहुत से उपाय हैं।
बेरोजगारी बहुत तेजी से बढ़ी
इस स्टडी में यह पाया गया है कि देश में बेरोजगारी के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं। 21 मार्च को भारत में बेरोजगारी की दर 7.4 फीसदी थी जो 5 मई को बढ़कर 25.5 फीसदी हो गई है। अप्रैल के महीने में ही देश में 20 से 30 साल आयु वर्ग के 2 करोड़ 70 लाख युवाओं को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।
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