देश के 34 फीसदी मंत्री हैं दागी, 76 फीसदी हैं करोड़पति
राजनीति का पैसे और अपराध से पुराना रिश्ता रहा है। हाल ही में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से जारी की गई एक रिपोर्ट ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार देशभर के अलग-अलग प्रदेशों के लगभग 34 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। इतना ही नहीं, देश के लगभग 76 फीसदी मंत्री ऐसे हैं, जो करोड़पति हैं।
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इस रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश विधानसभाओं के मंत्रियों की औसत संपत्ति 8.59 करोड़ रुपए है, जबकि इसके मुकाबले में केन्द्रीय मंत्रियों की औसत संपत्ति 12.94 करोड़ रुपए है। एडीआर ने यह रिपोर्ट 29 प्रदेश विधानसभाओं और 2 केन्द्र शासित प्रदेशों के कुल 620 मंत्रियों में से 609 मंत्रियों द्वारा जमा किए गए घोषणा पत्र के आधार पर तैयार की है।
अगर सबसे अमीर मंत्री की बात की जाए तो तेलुगू देशम पार्टी के पोंगुरू नारायण इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। पोंगुरु नारायण के पास कुल 496 करोड़ रुपए की संपत्ति है। दूसरे नंबर पर आते हैं कांग्रेस के डी. के. शिवकुमार, जिनके पास 251 करोड़ रुपए की संपत्ति है। अरुणाचल प्रदेश, पंजाब और पुदुचेरी के सभी मंत्री करोड़पति हैं। वहीं कर्नाटक के 97 फीसद मंत्री, राजस्थान, गोवा, मेघालय और छत्तीसगढ़ के 92 फीसद मंत्री करोड़पति हैं।
जिन 609 मंत्रियों के घोषणापत्रों को देखा गया है, उसमें से करीब 34 फीसदी यानी 210 मंत्री ऐसे हैं, जिनके खिलाफ कोई न कोई आपराधिक मामला चल रहा है। आपको बता दें कि केन्द्र के 78 मंत्रियों में से 24 मंत्री (लगभग एक तिहाई) ऐसे हैं, जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक केस दर्ज होने की बात कही है, जिनमें से 14 के खिलाफ गंभीर आरोप हैं।
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इन 78 दागी मंत्रियों में 9 झारखंड के, 4 दिल्ली के, 9 तेलंगाना के, 18 महाराष्ट्र के, 11 बिहार के और 5 उत्तराखंड के मंत्री शामिल हैं। राज्य विधानसभाओं के कुल 113 मंत्रियों के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले चल रहे हैं।
इसके अलावा देश के जिन 609 मंत्रियों के घोषणापत्रों को देखा गया, उसके हिसाब से चार मंत्री ऐसे हैं, जो सिर्फ शिक्षित हैं, इनके पास कोई डिग्री नहीं है। 5 मंत्रियों के पास 5 पास की सर्टिफिकेट है, जबकि 17 मंत्री 8 पास हैं। इनमें 28 ऐसे भी मंत्री हैं, जिनके पास डॉक्टरेट की उपाधि है।