पाकिस्तान ने इस साल 3186 बार किया सीजफायर का उल्लंघन, 17 साल में सबसे ज्यादा
नई दिल्ली। सरकार ने शनिवार को राज्यसभा में बताया है कि इस साल पाकिस्तान की ओर 3186 बार सीजफायर का उल्लंघन किया जा चुका है, जो बीते 17 साल में सबसे ज्यादा है। केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा है कि एक जनवरी 2020 से 7 सितंबर 2020 तक यानी आठ महीने के दौरान में सीजफायर तोड़ने की ये घटनाएं हुई हैं।
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भारतीय जनता पार्टी के सांसद सी.एम, रमेश के सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री नाइक ने बताया कि पाकिस्तान ने आठ महीनों में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 3,186 बार सीज़फायर का उल्लंघन किया है। सीजफायर उल्लंघन के अलावा 1 जनवरी से लेकर 31 अगस्त के बाद पाकिस्तान की तरफ से जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास क्रॉस बॉर्डर फायरिंग की 242 घटनाएं हुईं। इस साल सात सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में आठ घातक हताहत और दो गैर-घातक हताहत घटनाएं हुई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जम्मू और कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर बीएसएफ के पांच जवान हताहत हुए हैं।
सदन को केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस साल हुए सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं में भारतीय सेना के आठ जवान शहीद हो चुके हैं। वहीं दो घायल हुए हैं। नाइक ने कहा कि जब-जब ऐसी घटनाएं हुईं, भारतीय सेना ने आतंकियों और पाकिस्तान की सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया है। इसके अलावा उपयुक्त माध्यमों से भारत ने पाकिस्तान के अफसरों के सामने इन मुद्दों का विरोध दर्ज कराया है।
नवंबर 2003 में भारत के भारत और पाकिस्तान के बीच आधिकारिक सीजफायर का ऐलान किया गया था। 25 नवंबर 2003 को सीजफायर लागू हुआ था। 450 मील लंबी एलओसी, अंतरराष्ट्रीय सीमा और सियाचिन ग्लेशियर पर भी सीजफायर समझौता हुआ है। हालांकि पाकिस्तान समझौते का उल्लंघन करते हुए गोलीबारी करता रहता है।
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