त्रिपुरा में बांग्लादेश बॉर्डर से बीएसएफ ने गिरफ्तार किए 31 रोहिंग्या, असम पुलिस करेगी पूछताछ
अगरतला। त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश के बॉर्डर पर पिछले 48 घंटे में 31 रोहिंग्या मुसलमानों को बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) ने गिरफ्तार किया है। इन रोहिंग्या मुसलमानों में 16 बच्चे भी शामिल हैं। इन सभी को जीरो प्वाइंट से गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। रोहिंग्या मुसलमानों को कहना है कि बीएसएफ ने उन्हें उनके देश वापस लौटने को कहा। बीएसएफ अधिकारियों की मानें तो यह रोहिंग्या मुसलमान देश में घुसपैठ की कोशिशों में लगे हुए थे।
असम पुलिस को सौंपे गए सभी रोहिंग्या
इन सभी को बीएसएफ ने रेयेरमुरा बॉर्डर आउटपोस्ट से गिरफ्तार किया है। यह जगह अगरतला से 30 किलोमीटर दूर है। बीएसएफ ने इन सभी 31 लोगों को असम पुलिस को सौंप दिया और अब इनकी कोर्ट में सुनवाई होगी। गिरफ्तार रोहिंग्या से पुलिस करीमगंज थाने में पूछताछ करेगी। पिछले दिनों रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि साल 2019 की शुरुआत में भारत ने करीब 1300 रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश भेजा है। भारत के इस कदम की अब यूनाइटेड नेशंस और कई मानवाधिकारी संगठन आलोचना कर रहे हैं। इनका कहना है कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन नहीं किया है। यूएन और दूसरे संगठनों ने भारत पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा है कि म्यांमार में संभावित खतरे के बीच रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजना कानून तोड़ने के जैसा है।
भारत में गैरकानूनी रूप से दाखिल होने के आरोप में 2012 से जेल में बंद सात रोहिंग्या मुसलमानों को पुलिस ने असम-म्यांमार बॉर्डर पर भेज दिया है। म्यांमार सेना के अभियान से बचने के लिए करीब सात लाख रोहिंग्या बांग्लादेश भाग गए हैं। वहीं करीब 40,000 रोहिंग्या शरणार्थियों ने भारत के अलग-अलग हिस्सों में शरण ली है। 15,000 से भी कम शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त में रजिस्टर्ड हैं।