सीमा पर कश्मीर में घुसपैठ के लिए ताक पर बैठे हैं 300 आतंकी, ऑपरेशन ऑलआउट से बौखलाया पाक
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के नौगांव सेक्टर में एलओसी (LoC) पर पाकिस्तान द्वारा किए गए सीजफायर का उल्लंघन के बाद कुछ देर बाद ही भारतीय सेना ने एक बयान में बड़ा खुलासा किया है। मेजर जनरल वीरेंद्र वत्स ने बताया कि पाक सीमा पार निर्मित लॉन्चपैड्स में सैंकड़ों आतंकी कश्मीर में घुसपैठ के लिए इंतजार में हैं, जिनकी संख्या 250 से 300 हो सकती है। सभी आतंकी घुसपैठ के लिए पाकिस्तानी सीमा पर निर्मित लांचपैड्स में एकत्र किए गए हैं।
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गौरतलब है उत्तरी कश्मीर के नौगांव सेक्टर के कूपवाड़ा में ही शनिवार को 2 आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में मार गिराया है। मेजर जनरल वीरेंद्र वत्स ने प्रेस कांफ्रेस लेकर जानकारी देते हुए कहा कि सेना को मिले इनपुट्स के मुताबिक सीमा पार बने लॉन्चपैड्स में बड़ी संख्या में आतंकी मौजूद हैं और इनकी संख्या ढाई सौ से लेकर तीन सौ तक है।
ऑपरेशन ऑलआउटः तो जल्द आतंक मुक्त होगा कश्मीर, 31 वर्षों बाद Terrorist Free हुआ त्राल और डोडा जिला
इनपुट इशारा कर रहे हैं कि पाक सीमा लॉन्चपैड आतंकियों से भरे हुए हैं
बकौल मेजर जरनल वत्स 'इनपुट इशारा कर रहे हैं कि पाक सीमा में बने लॉन्चपैड पूरी तरह से भरे हुए हैं और हमारा अंदाजा है कि इनमें ढाई सौ से लेकर तीन सौ के बीच वर्तमान में आतंकी मौजूद हैं। सीमा पार से कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराके पाकिस्तान एक बार फिर कश्मीर में माहौल खराब करने की कोशिश में है। हालांकि भारतीय सेना लगातार आतंकियों के मंसूबों को पस्त कर रही हैं।
सेना के ऑपरेशन ऑलआउट से घाटी में तेजी से हो रहा आतंक का खात्मा
भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा जम्मू कश्मीर में 'ऑपरेशन ऑलआउट' चलाया गया है। इस ऑपरेशन ने सभी गुटों के आतंकियों की कमर तोड़ कर रख दी है। इसके साथ ही एनआईए ने आतंकियों को की जाने वाली टेरर फंडिंग पर भी लगाम कसी है, जिससे आतंकी भी बौखलाए हुए हैं। इस बीच कश्मीर में तेजी से सुधरती स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान एक बार फिर सीमा पार से आतंकी भेजकर माहौल को अस्थिर बनाने की कोशिश में लगा हुआ है।
अकेले जून महीने सुरक्षाबलों ने कुल 48 आतंकियों को मार गिराया गया
दक्षिणी कश्मीर में जून महीने में सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। बताया गया है कि जून के महीनों में हुई इन मुठभेड़ों में सेना और सुरक्षा बलों के जवानों द्वारा 48 आतंकियों का सफाया किया जा चुका है और यह क्रम अगले छह महीने तक चलेगा, जिसका उद्देश्य कश्मीर को आंतक मुक्त करना है।
2020 की पहली छमाही में मारे जा चुके हैं 128 से अधिक आतंकवादी
वर्ष 2020 की पहली छमाही के दौरान अब तक 128 आतंकवादी मारे गए हैं. इनमें से अकेले जून के महीने में 48 आतंकवादी मारे गए हैं. डीजीपी ने कहा, "इस वर्ष के दौरान मारे गए 128 आतंकवादियों में से 70 हिजबुल मुजाहिदीन के हैं, वहीं लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के 20-20 हैं, बाकी अन्य आतंकवादी संगठनों से हैं।
केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद 6 वर्षों में मारे गए 1149 आतंकी
SATP (South Asia Terrorism Portal) के आंकड़ों के अनुसार नरेन्द्र मोदी सरकार के आने के बाद जम्मू-कश्मीर में अब तक कुल 1149 आतंकवादी मारे गए हैं। आंकड़ों के अनुसार 2014 में 114 आतंकवादी मारे गए थे। वहीं, 2015 में 115, 2016 में 165, 2017 में 220, 2018 में 271, 2019 में 163 और इस साल अब तक सुरक्षा बलों ने 128 आतंकवादियों को मार गिराया है।
31 वर्षों में बाद आंतकवाद मुक्त हुआ त्राल सेक्टर जम्मू-कश्मीर
पुलिस की ओर से 25 जून को त्राल सेक्टर में तीन आतंकवादियों के मारने के बाद दावा किया और दशकों के बाद इस क्षेत्र में हिज्बुल मुजाहिद्दीन की कोई उपस्थिति नहीं रही। एक समय में आतंकियों को ठिकाना रहा दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले का त्राल सेक्टर आतंकी कमांडर बुरहान वानी और जाकिर मूसा का आशियाना है, जिन्हें सुरक्षाबलों ने पहले ही मार गिराया था। हाल में सुरक्षाबलों ने त्राल के चेवा उल्लार इलाके में 3 आतंकी ढेर किए, जिसके बाद कश्मीर जोन के आईजी विजय कुमार ने बताया कि अब त्राल सेक्टर में हिज्बुल मुजाहिद्दीन का एक भी सक्रिय आतंकवादी नहीं बचा है, सारे आतंकी मारे जा चुके हैं।
डीजीपी दिलबाग सिंह ने किया ऐलान, आतंकी फ्री हुआ डोडा जिला
डीजीपी दिलबाग सिंह ने डोडा में आतंकियों के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का ऐलान करते हुए कहा, 'अनंतनाग के खुल चोहार इलाके में पुलिस और लोकल राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को ढेर किया गया। इनमें से एक लश्कर का जिला कमांडर था। मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर मसूद को भी ढेर कर दिया गया है। इसके साथ ही जम्मू जोन का डोडा जिला आतंकियों से पूरी तरह मुक्त हो गया है।'
जनवरी, 2019 में आंतकवाद मुक्त घोषित किया गया था बारामूला जिला
जनवरी, 2019 में जम्मू और कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने ऐलान किया कि बारामूला कश्मीर का पहला ऐसा जिला है जो आतंकवादी मुक्त हो गया है। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खात्मे में सरकार को बड़ी सफलता मिली है, जम्मू-कश्मीर का बारामूला जिला पूरी तरह से आतंकवादी मुक्त हो गया है। एक मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैय्यबा के 3 आतंकियों को ढेर करने के बाद जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने घोषणा की कि बारामूला आतंकवाद मुक्त जिला बन गया हैं, जहां अब कोई भी स्थानीय आतंकी नहीं बचा है। बारामूला कश्मीर का पहला जिला था, जिसको स्थानीय आतंकियों से मुक्त घोषित किया गया था।